देश की समुद्री सुरक्षा की व्यापक समीक्षा करेंगे नौसेना के कमांडर, सोमवार से पांच दिवसीय सम्मेलन होगा शुरू

पांच दिवसीय सम्मेलन में हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में नौसेना के वर्चस्व को कायम रखने पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसमें भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर देश की समुद्री सुरक्षा की भी व्यापक समीक्षा करेंगे।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:25 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:40 AM (IST)
देश की समुद्री सुरक्षा की व्यापक समीक्षा करेंगे नौसेना के कमांडर, सोमवार से पांच दिवसीय सम्मेलन होगा शुरू
देश की समुद्री सुरक्षा की व्यापक समीक्षा करेंगे नौसेना के कमांडर (प्रतीकात्मक फोटो)

 नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर सोमवार, 18 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे पांच दिवसीय सम्मेलन में हिंद महासागर क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा स्थिति सहित देश की समुद्री सुरक्षा की व्यापक समीक्षा करेंगे। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी कई मुद्दों पर नौसेना के कमांडरों से बातचीत करेंगे। उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सेना के तीनों अंगों में तालमेल बढ़ाना भी इसमें शामिल है।

नौसेना प्रवक्ता विवेक मधवाल ने कहा कि क्षेत्र में तेजी से बदलते भू-रणनीतिक स्थिति के चलते इस सम्मेलन का काफी महत्व है। उन्होंने कहा कि यह चर्चा करने, निर्देश देने और अत्यधिक महत्व के मुद्दों पर फैसला करने के लिए एक संस्थागत मंच है जो नौसेना के भविष्य के कामकाज को आकार देगा। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में नौसेना के वर्चस्व को कायम रखने पर चर्चा होने की उम्मीद है।

18 से 22 अक्टूबर के बीच नई दिल्ली में भारतीय नौसेना के कमांडर सम्मेलन का आयोजन होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे। क्षेत्र की तेजी से बदलती भू-रणनीतिक स्थिति के कारण इस सम्मेलन का महत्व कई गुना तक बढ़ जाता है। इसमें भारतीय नौसेना के भविष्य से जुड़े पहलुओं और मसलों पर विचार किया जाता है। इस बीच नौसेना प्रमुख, अन्य नौसेना कमांडरों के साथ, बीते कुछ महीनों में भारतीय नौसेना द्वारा किए गए प्रमुख परिचालन, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।

भारतीय नौसेना ने देश के बढ़ते समुद्री हितों को लेकर बीते कुछ वर्षों में अपने परिचालन कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। यही कारण है कि अब हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मिशन आधारित तैनाती पर भारतीय नौसेना के जहाज किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।

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