सुसाइड नोट से खुला टीकमगढ़ में पांच लोगों के शव मिलने का राज, नौ लोग गिरफ्तार

थाना खरगापुर क्षेत्र में रविवार को धर्मदास सोनी उनकी पत्नी पूना सोनी बेटा मनोहर सोनी बहू सोनम सोनी और पोते सानिध्य सोनी के शव घर में फांसी के फंदे से लटके मिले थे।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 24 Aug 2020 06:18 PM (IST) Updated:Mon, 24 Aug 2020 06:18 PM (IST)
सुसाइड नोट से खुला टीकमगढ़ में  पांच लोगों के शव मिलने का राज, नौ लोग गिरफ्तार
सुसाइड नोट से खुला टीकमगढ़ में पांच लोगों के शव मिलने का राज, नौ लोग गिरफ्तार

टीकमगढ़, जेएनएन। मध्य प्रदेश के टीकगमढ़ जिले की खरगापुर तहसील में सोनी परिवार के पांच सदस्यों के शव मिलने का राज सुसाइड नोट से खुल गया है। मामले में पुलिस ने कुछ रिश्तेदारों और हाल ही में सोनी परिवार की जमीन खरीदने वाले सराफा व्यवसायी समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मौके पर मिले सुसाइड नोट के आधार पर दावा किया कि आरोपितों ने सोनी परिवार को बेशकीमती जमीन बेचने पर मजबूर किया और धोखाधड़ी कर सौदे में 16 लाख रुपये कम दिए। इसी कारण मासूम बच्चे सहित पूरे परिवार का यह कदम उठाना पड़ा।

टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने बताया कि थाना खरगापुर क्षेत्र में रविवार को धर्मदास सोनी, उनकी पत्नी पूना सोनी, बेटा मनोहर सोनी, बहू सोनम सोनी और पोते सानिध्य सोनी के शव घर में फांसी के फंदे से लटके मिले थे। मामले में मर्ग कायम कर जांच में लिया गया था।

दो सुसाइड नोट मिले

मौके पर पुलिस को दो सुसाइड नोट मिले। एक सुसाइड नोट धर्मदास और दूसरा बेटे मनोहर ने लिखा था। इसमें आरोपितों के नाम का उल्लेख कर लिखा गया है कि खरगापुर में श्मशान घाट से सटी उनकी बेशकीमत जमीन को बेचने के लिए परिवार को मजबूर किया गया। इसमें परिवार को करीबन 16 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इसी वजह से सभी ने मानसिक रूप से प्रताड़ित होने पर परिवार सहित खुदकुशी कर ली। पुलिस ने जमीन के मुख्य खरीदार सराफा कारोबारी रामेश्वर जड़िया के अलावा प्रेम लाल साहू, विजय सोनी, अरविंद सोनी, रूपा सोनी, अजय सोनी, कुमारी पूजा सोनी, राजेंद्र सोनी एवं कौशल किशोर सोनी द्वारा आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि आरोपितों में कुछ लोग सोनी परिवार के रिश्तेदार भी हैं। जमीन 1 करोड़ 10 लाख की बेची गई थी, जिसमें से सोनी परिवार को 18 लाख रुपये मिले थे। धर्मदास परिवार में तीन भाई हैं, जिसमें से एक भाई खरगापुर में रहता है, वहीं दूसरा परिवार सहित बाहर रहता है।

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