ठग व हैकर्स नहीं खोल पाएंगे ओटीपी, नई तकनीक से लोगों के पैसे रहेंगे सुरक्षित

शोध में बताया गया है कि इस सिस्टम के अंतर्गत व्यक्ति का चेहरा आंख अंगुली आवाज को भी पासवर्ड के रूप में शामिल किया जा सकेगा। ग्राफिक्स सिस्टम डिजिटल सिगनेचर इंक्रिप्टेड ओटीपी का उपयोग करके इसे और मजबूत बनाया गया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 11:28 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 11:28 PM (IST)
ठग व हैकर्स नहीं खोल पाएंगे ओटीपी, नई तकनीक से लोगों के पैसे रहेंगे सुरक्षित
इस सिस्टम के अंतर्गत व्यक्ति का चेहरा, आंख, अंगुली, आवाज को भी पासवर्ड के रूप में शामिल किया जा सकेगा

बिलासपुर, धीरेंद्र सिन्हा। ऑनलाइन ठगी, हैकिंग व डाटा चोरी जैसी बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) के प्रोफेसर डॉ. तणधर दीवान ने मल्टी फैक्टर अथेंटिफिकेशन सिस्टम (बहु कारक प्रमाणीकरण प्रणाली) विकसित की है। दावा है कि इस व्यवस्था के कार्यान्वित होने पर ठग वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) नहीं खोल पाएंगे। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फ्यूचर जनरेशन कम्युनिकेशन एंड नेटवर्किंग (वेब आफ साइंस) में उनका शोध पत्र भी प्रकाशित हुआ है। ओटीपी खोलने के लिए संबंधित व्यक्ति का मोबाइल के साथ मौजूद रहना जरूरी होगा। ओटीपी तक पहुंचने की कूंजी के रूप में उपभोक्ता का चेहरा, आंख, आवाज या अंगूठा आदि प्रयुक्त होंगे।

शासकीय ई. राघवेंद्र राव स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. दीवान के मुताबिक, अभी सिंगल फेस अथेंटिफिकेशन सिस्टम के तहत सिर्फ पासवर्ड का उपयोग होता है, जिसमें पिन चोरी या ठगे जाने का खतरा अधिक होता है। टू फैक्टर के अंतर्गत बैंक, जीमेल या इंटरनेट होता है। इसी तरह थ्री फेस अथेंटिफिकेशन सिस्टम में पासवर्ड, ओटीपी और बायोमैट्रिक्स फीचर्स या ग्राफिक्स हैं।

इसके बावजूद साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। सुरक्षा प्रणाली का मजबूत करने और डाटाबेस, दस्तावेज, पैसे के लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए उन्होंने मल्टी फैक्टर अथेंटिफिकेशन सिस्टम पर शोध किया। इसके तहत पासवर्ड और बायोमेट्रिक फीचर्स, डिजिटल सिगनेचर, न्यूमैरिक पिन, इंक्रिप्टेड ओटीपी के जरिये मजबूत सुरक्षा प्रणाली तैयार करने में सफलता मिली। यह डिवाइस, सेंसर, मशीन लर्निंग टूल्स, कैप्चा अथेंटिफिकेशन सिस्टम के अंतर्गत है।

व्यक्ति का चेहरा, आंख, अंगुली, आवाज को भी बनाया जा सकता है पासवर्ड 

शोध में बताया गया है कि इस सिस्टम के अंतर्गत व्यक्ति का चेहरा, आंख, अंगुली, आवाज को भी पासवर्ड के रूप में शामिल किया जा सकेगा। ग्राफिक्स सिस्टम, डिजिटल सिगनेचर, इंक्रिप्टेड ओटीपी का उपयोग करके इसे और मजबूत बनाया गया है। इससे बैंक, एटीएम और इंटरनेट के माध्यम से होने वाली ठगी पर नियंत्रण की प्रणाली और मजबूत हो जाएगी।

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