इन देशों में पहले से होता है अदालती कार्यवाही का लाइव प्रसारण

ब्रिटेन में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की लाइव प्रसारण की अनुमति है। कनाडा में ट्रायल कोर्ट से ही कार्यवाही लाइव दिखाई जा सकती है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 06:55 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 07:08 PM (IST)
इन देशों में पहले से होता है अदालती कार्यवाही का लाइव प्रसारण
इन देशों में पहले से होता है अदालती कार्यवाही का लाइव प्रसारण

नई दिल्ली, जेएनएन। अदालती कार्यवाही के लाइव प्रसारण को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। कुछ देशों में अदालत की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाता है तो वहीं अन्य देश कुछ समय बाद इसे जारी करते हैं। ब्रिटेन में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की लाइव प्रसारण की अनुमति है। कनाडा में ट्रायल कोर्ट से ही कार्यवाही लाइव दिखाई जा सकती है।

ब्रिटेन: संविधान सुधार कानून 2005 द्वारा संशोधन के बाद अदालत की कार्यवाही के लाइव प्रसारण की अनुमति मिली। बीबीसी व स्काई न्यूज जैसे चैनल पर इसे प्रसारित किए जाने की व्यवस्था है। यहां आमधारणा है कि इस तरीके के प्रावधान से न्याय प्रभावित नहीं होगा।

कनाडा: यहां सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई केनेडियन पार्लियामेंट अफेयर्स चैनल के माध्यम से टीवी पर दिखाई जाती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस रिकार्डिग का कॉपीराइट अपने पास सुरक्षित रखता है। खास मामलों में ये प्रसारण अन्य नेटवर्क पर भी उपलब्ध होता है। शिक्षा और गैर व्यावसायिक जरूरतों के लिए आवेदन के जरिए इस रिकार्डिग को कोई भी हासिल कर सकता है। खास मामलों में कार्यवाही के लाइव प्रसारण को रोके जाने का भी प्रावधान है।

न्यूजीलैंड: यहां सभी अदालतों में ऑडियो-वीडियो रिकार्डिग की अनुमति है। अगर किसी मीडिया समूह को किसी मामले की कार्यवाही के रिकार्डिग की दरकार होती है तो उसे आवेदन करना होता है। मामले में शामिल पक्ष सुनवाई की रिकार्डिग रोकने की मांग कर सकते हैं लेकिन इस पर आखिरी फैसला न्यायाधीश का होगा।

ऑस्ट्रेलिया: यहां की सर्वोच्च अदालत में सुनवाई को रिकॉर्ड कर आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है। हालांकि मीडिया या आम लोगों द्वारा कार्यवाही की रिकार्डिग और तस्वीरें वगैरह लेना गैरकानूनी है।

दक्षिण अफ्रीका: जज के फैसले के समय कोर्ट रूम लाइव और टीवी पर प्रसारण की अनुमति है। हालांकि अभी एक विवाद के बाद यह तय हुआ कि कार्यवाही के दौरान मीडिया के प्रवेश पर न्यायाधीश तय करेंगे।

यूरोप: अगर कोई मामला नैतिकता के दायरे में आता है, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, किशोरों का हित प्रभावित हो रहा है या फिर मामले में शामिल पक्षों के निजी जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है तो उनके लाइव प्रसारण नहीं किए जाते। बाकी सभी मामलों की कार्यवाही का उसी दिन दोपहर 2.30 बजे प्रसारण किया जाता है।

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