देश में होगा जल विमान के 28 मार्गो और 14 वाटर एयरोड्रोम का संजाल, 450 करोड़ रुपये की आएगी लागत

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम उड़ान के तहत केंद्र की ओर से राज्य सरकारों और एयरपोर्ट आपरेटरों के तरफ से कई एयरलाइनों का चयन किया गया है। ताकि अनारक्षित और आरक्षित एयरपोर्टो से उड़ानों को बढ़ावा दिया जा सके ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 08:24 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:24 PM (IST)
देश में होगा जल विमान के 28 मार्गो और 14 वाटर एयरोड्रोम का संजाल, 450 करोड़ रुपये की आएगी लागत
रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत भारत में शुरू किए जाने हैं 28 जल विमान मार्ग

नई दिल्ली, प्रेट्र। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश भर में कुल 28 जल विमान (सीप्लेन) रूट और 14 वाटर एयरोड्रोम का विभिन्न चरणों में विकास किया जाए। जल विमान के इन आधारभूत ढांचों को बनाने में 450 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

भारत में जलविमान की उड़ानों की विधिवत सेवाएं स्थापित करने के लिए मंगलवार की दोपहर नागरिक उड्डयन, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालयों ने सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं। एक कार्यक्रम में पुरी ने कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत भारत में 28 जल विमान मार्ग शुरू किए जाने हैं। इसके अलावा गुजरात, असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप में विभिन्न चरणों में 450 करोड़ रुपये की लागत से 14 'वाटर एयरोड्रोम' भी विकसित किए जाने हैं।

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम 'उड़ान' के तहत केंद्र की ओर से, राज्य सरकारों और एयरपोर्ट आपरेटरों के तरफ से कई एयरलाइनों का चयन किया गया है। ताकि अनारक्षित और आरक्षित एयरपोर्टो से उड़ानों को बढ़ावा दिया जा सके। इसके साथ ही उड़ानों का किराया भी जेबों के अनुकूल रखने का प्रयास रहेगा। पुरी ने कहा कि भारत में जलविमान की सेवाओं को स्थापित करने के लिए संस्थागत प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और सहमति पत्र का भी निर्धारण होना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह जलविमान सेवाओं के परिचालन में कहीं भी कोई रुकावट नहीं देखते हैं। उन्होंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि इनकी अपार संभावनाओं को देखते हुए जलविमान मार्गो का जल्द से जल्द शुरू होना संभव है।

chat bot
आपका साथी