Ayodhya Ram Mandir Model: भविष्य की अयोध्या, अध्यात्म; संस्कृति और आधुनिकता का अदभुत संगम

Ayodhya Ram Mandir Model भविष्य की अयोध्या अध्यात्म संस्कृति और आधुनिकता का अदभुत संगम होगी और धार्मिक पर्यटन में दुनिया के सबसे बड़े केंद्र के रूप में इसकी पहचान होगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 09:58 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 01:27 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir Model: भविष्य की अयोध्या, अध्यात्म; संस्कृति और आधुनिकता का अदभुत संगम
Ayodhya Ram Mandir Model: भविष्य की अयोध्या, अध्यात्म; संस्कृति और आधुनिकता का अदभुत संगम

नई दिल्ली, जेएनएन। Ayodhya Ram Mandir Model भविष्य की अयोध्या अध्यात्म, संस्कृति और आधुनिकता का अदभुत संगम होगी और धार्मिक पर्यटन में दुनिया के सबसे बड़े केंद्र के रूप में इसकी पहचान होगी। प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से स्थानीय के साथ देश-प्रदेश की आर्थिकी में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी।

नई अयोध्या में पहुंच आसान होगी। श्रीराम एयरपोर्ट की तैयारी है। रेलवे स्टेशन और बस अड्डे का आधुनिकी करण हो रहा है। राम मंदिर निर्माण के समानांतर ही इस दिशा में कार्य शुरू किया गया है। 251 मीटर की श्रीराम प्रतिमा और नव्य अयोध्या इस नगरी का प्रमुख आकर्षण होगी।

नव्य अयोध्या: चार सौ हेक्टेयर में बसाई जाने वाली यह नगरी अयोध्या का आधुनिक चेहरा होगी और विदेशी पर्यटकों को केंद्र में रखते हुए बसाई जाएगी। यह अयोध्या से दस किमी दूर शाहनेवाजपुर ग्राम के निकट बसेगी। नव्य अयोध्या 500 एकड़ में हाईटेक टाउनशिप बसेगी जिसमें फाइव स्टार होटल्स, रिवरसाइड रिजार्ट, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स, आवासीय और व्यावसायिक प्लॉट्स, बेहतरीन सड़कें, अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम और अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिसिटी वायर होंगे।

सरयू किनारे बनेंगे स्टूडियो अपार्टमेंट। जीवन के आखिरी समय में लोग इन अपार्टमेंट्स में रहना पसंद करेंगे। कुछ खास धनराशि देकर लोग फ्लैट अपने नाम पर ले सकेंगे, जो निधन के बाद ट्रस्ट की संपत्ति होगी। सरयू में क्रूज भी चलेंगे। यह प्रोजेक्ट पूरा करने में लगभग 1,200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। राम वन गमन मार्ग से लिंक होना अयोध्या आने वालों के लिए अतिरिक्त आकर्षण होगा। लखनऊ से गोरखपुर सिक्सलेन होने जा रहा है, जो अयोध्या से होकर जाएगा। सहादतगंज से अयोध्या तक फोरलेन होगा। अभी तक अयोध्या में एक भी फोरलेन नहीं है। ओवरब्रिज के माध्यम से अयोध्या सीधे हाइवे से जुड़ेगी।

दिव्य-भव्य, अनुपम-अलौकिक

भव्यता

मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। ऊंचाई 161 फीट होगी। क्षेत्रफल 84600 वर्ग फीट होगा। मंदिर में तीन लाख टन लगेगा लाल बलुआ पत्थर। गर्भगृह और रंगमंडप के बीच गूढ़ मंडप होगा। दाएं-बाएं अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप होगा। साढ़े नौ किलो चांदी से निर्मित सिंहासन पर विराजमान होंगे राम लला। भाइयों के लिए भी रजत सिंहासन बनेगा।

तीनों तल पर गर्भगृह

प्रस्तावित मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह में जहां रामलला की प्रतिमा स्थापित होगी, वहीं दूसरे तल के गर्भगृह में राम दरबार की स्थापना होनी है। किसी एक तल पर भगवान राम के किसी मार्मिक प्रसंग से जुड़ी प्रतिमाएं स्थापित होंगी।

शैली

मंदिर को नागर शैली में निर्मित किया जाएगा। इसी शैली में देश के अन्य बड़े मंदिर तैयार किए गए हैं। खजुराहो, सोमनाथ का मंदिर, लिंगराज का मंदिर, दिलवाड़ा जैन मंदिर आदि इसी शैली में बने हैं। इसमें शिखर की प्रधानता होती है।

शिखर मंदिर में कुल 6 शिखर होंगे, एक मुख्य शिखर, पांच उप शिखर मंदिर तीन तल का होगा, प्रत्येक तल पर 8 फीट व्यास वाले 106 स्तंभ होंगे। प्रथम तल के स्तंभ की ऊंचाई 15.5 फीट होगी। दूसरे तल की ऊंचाई 14.5 फीट होगी। 318 स्तंभ होंगे ये स्तंभ साढ़े 14 से 16 फीट तक ऊंचे और आठ फीट व्यास वाले होंगे। प्रत्येक स्तंभ यक्ष- यक्षणियों की 16 मूर्तियों से सज्जित होगा।

ऐसे बदलेगी अयोध्या की आर्थिक: अयोध्या के डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आशुतोष सिन्हा ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर इस जिले की विकास की कुंजी है। धार्मिक पर्यटन यहां रोजगार की असीम संभावनाएं लेकर आएगा। आठ बड़े होटल बनने जा रहे हैं। पर्यटकों से इस जनपद की चौतरफा आय होगी। गाइड को रोजगार मिलेगा। धर्म से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों से बड़ी आय होगी। नव अयोध्या भी लोगों का आकर्षण बढ़ाएगी और यहां की हाईटेक टाउनशिप और रिवर साइड रिजार्ट बहुतों को रोजगार देंगे। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और अत्याधुनिक बस अड्डे भी आय में वृद्धि करेंगे। काशी की तर्ज पर जिले की आर्थिक उन्नति बढ़ेगी। फूड इंडस्ट्री, हॉस्पिटलटी इंडस्ट्री और विशेष रूप से एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित गुड़ को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलेगा। यह सब अयोध्या की कायापलट कर देंगे।

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