सैनिकों और विज्ञानियों पर देशवासियों को सबसे ज्यादा भरोसा, इप्सोस के वैश्विक भरोसा सूचकांक में यह बात आई सामने

सूचकांक के मुताबिक सैनिकों और विज्ञानियों पर 64 फीसद लोगों ने भरोसा जताया है। अध्यापकों पर 61 फीसद और डाक्टरों पर 58 फीसद लोगों ने भरोसा दिखाया। वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा 64 फीसद लोगों ने डाक्टरों पर भरोसा किया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 09:49 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 09:51 PM (IST)
सैनिकों और विज्ञानियों पर देशवासियों को सबसे ज्यादा भरोसा, इप्सोस के वैश्विक भरोसा सूचकांक में यह बात आई सामने
64 फीसद लोगों ने डाक्टरों पर भरोसा किया है

नई दिल्ली, आइएएनएस। देश के लोगों को सैनिकों और विज्ञानियों पर सबसे ज्यादा भरोसा है। इप्सोस के वैश्विक भरोसा सूचकांक में यह बात सामने आई है। इसमें यह भी पाया गया कि नेताओं, मंत्रियों और विज्ञापन प्रतिनिधियों पर लोग सबसे कम भरोसा करते हैं।

दो साल पहले भी इस सूचकांक में भरोसे के मामले में सबसे ऊपर सैनिक ही थे। इस बार बदलाव यही है कि कोरोनाकाल में विज्ञानियों के अथक प्रयासों के बाद उन पर भी लोगों का भरोसा बढ़ गया है। मौजूदा चुनौतियों के बीच अपनी भूमिका के कारण डाक्टरों और अध्यापकों पर भी लोगों ने भरोसा किया है।

विज्ञानियों पर 61 फीसद और अध्यापकों पर 55 फीसद लोगों ने जताया भरोसा

सूचकांक के मुताबिक, सैनिकों और विज्ञानियों पर 64 फीसद लोगों ने भरोसा जताया है। अध्यापकों पर 61 फीसद और डाक्टरों पर 58 फीसद लोगों ने भरोसा दिखाया। वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा 64 फीसद लोगों ने डाक्टरों पर भरोसा किया है। विज्ञानियों पर 61 फीसद और अध्यापकों पर 55 फीसद लोगों ने भरोसा जताया।

इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित अदारकर ने कहा, 'अपने त्याग और देशसेवा के कारण सैनिक हमेशा से भारतीयों के लिए सबसे भरोसेमंद रहे हैं। महामारी के इस दौर ने विज्ञानियों के योगदान को भी लोगों के समक्ष रखा है।'

28 देशों के नमूने पर आधारित हैं ये परिणाम

बता दें कि इस साल के हेडलाइन इंडेक्स के परिणाम पूरे 28 देशों के नमूने पर आधारित हैं, जबकि सर्वेक्षण की पिछली लहरों को देखते हुए रुझान के परिणाम केवल उन 22 बाजारों पर केंद्रित हैं, जिन्होंने सर्वेक्षण की तीनों लहरों में विशेष रुप से प्रदर्शित किया है। परिणामों में अधिकांश देशों में 16-74 आयु वर्ग के 19,570 वयस्कों और कनाडा, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और अमेरिका में 18-74 आयु वर्ग के वयस्कों का एक अंतर्राष्ट्रीय नमूना शामिल है।

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