सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा, रिटर्न भरने वाले रहें निश्चिंत, लेकिन बख्शे नहीं जाएंगे टैक्स-चोर
संस्था एसोचैम के एक कार्यक्रम में चंद्रा ने कहा, हमने कर-आधार बढ़ाने में सफलता पाई है। हमें करदाताओं पर भरोसा है। पिछले साल हमें 686 करोड़ आयकर रिटर्न मिले। इनमें से मैंने केवल 035 फीसद को दोबारा जांच के लिए चुना है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को चिंतामुक्त रहने की सलाह दी है। विभाग के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने गुरुवार को कहा कि सरकार को आयकरदाताओं पर पूरा भरोसा है। इसलिए विभाग ने जांच के बाद पिछले वित्त वर्ष के लिए दाखिल 8.86 करोड़ रिटर्न में से सिर्फ 0.35 रिटर्न को संदेह के दायरे में पाया है।
इसका मतलब यह है कि 99.65 फीसद रिटर्न से जुड़े करदाताओं को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि चंद्रा ने यह भी कहा कि दोबारा जांच में दोषी पाए जाने टैक्स-चोरों को बख्शा नहीं जाएगा। उद्योग जगत की संस्था एसोचैम के एक कार्यक्रम में चंद्रा ने कहा, 'हमने कर-आधार बढ़ाने में सफलता पाई है। हमें करदाताओं पर भरोसा है। पिछले साल हमें 6.86 करोड़ आयकर रिटर्न मिले। इनमें से मैंने केवल 0.35 फीसद को दोबारा जांच के लिए चुना है। इसका मतलब है कि 99.65 फीसद आयकरदाता चैन की नींद सो सकते हैं।'
सिर्फ बड़े मामलों की होगी जांच
चंद्रा ने कहा कि दोबारा जांच के लिए चुने गए मामलों में से 0.15 फीसद की सीमित जांच होगी, और 0.20 प्रतिशत की पूर्ण जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि टैक्स-चोरी के बड़े मामलों की ही जांच होगी। गौरतलब है कि आयकर प्रणाली में जांच की प्रक्रिया के तहत करदाता को उनके आयकर रिटर्न की समीक्षा के बाद आकलन अधिकारी (एओ) को कुछ दस्तावेज सौंपने को कहा जाता है।
पूर्व में जांच का दायरा था बड़ा
आयकर रिटर्न की जांच आयकरदाताओं के लिए परेशानी का सबब होती है। पहले करीब एक फीसद आयकर रिटर्न को जांच के लिए छांटा जाता था। अब इसे घटाकर 0.35 प्रतिशत पर लाया गया है। चंद्रा ने कहा कि टैक्स अधिकारियों ने विभाग के पास मौजूद आंकड़ों के आधार पर अभियोजन के लिए 4,700 मामले दायर किए थे।
नहीं बच पाएंगे टैक्स चोर
चंद्रा ने कहा, 'आप अपना पैसा किसी अन्य देश में भेज सकते हैं, लेकिन हमारे पास कई देशों के साथ सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रणाली है। कोई बच नहीं सकता। हमारे पास सारी सूचना है। लोग सोचते हैं कि सीमाएं काफी दूर हैं, लेकिन विभिन्न देशों की आर्थिक सीमाएं एक दूसरे के काफी नजदीक हैं।' गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष में सीबीडीटी ने आयकर और कॉरपोरेट टैक्स श्रेणी में कुल 10.03 लाख करोड़ रुपये टैक्स का संकलन किया था।