टैक्स कटौती के लिए पीएमओ के संपर्क में टेस्ला, घरेलू कार कंपनियां कर रहीं विरोध

टेस्ला भारत में अपनी आयातित कारों की इसी वर्ष बिक्री शुरू करना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एलन मस्क की मुलाकात के लिए भी वक्त मांगा है। घरेलू कार कंपनियां टेस्ला को टैक्स राहत का मुखर विरोध कर रही हैं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:55 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:55 AM (IST)
टैक्स कटौती के लिए पीएमओ के संपर्क में टेस्ला, घरेलू कार कंपनियां कर रहीं विरोध
टैक्स कटौती के लिए पीएमओ के संपर्क में टेस्ला, घरेलू कार कंपनियां कर रहीं विरोध

नई दिल्ली, रायटर। दुनिया की अग्रणी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भारतीय बाजार में प्रवेश से पहले टैक्स कटौती का आश्वासन चाहती है। इस अमेरिकी कार कंपनियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से आग्रह किया है कि वह इलेक्ट्रिक कार पर आयात शुल्क में कटौती करे। घटनाक्रम से जुड़े चार सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि घरेलू कार कंपनियां टेस्ला को टैक्स में किसी तरह की छूट का मुखर विरोध कर रही हैं।

तीन सूत्रों ने बताया कि टेस्ला ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कंपनी के प्रमुख एलन मस्क की मुलाकात के लिए भी वक्त मांगा है। इस मामले में भारत में टेस्ला के पालिसी प्रमुख मनुज खुराना समेत शीर्ष अधिकारियों ने पिछले महीने पीएमओ में एक गुप्त बैठक की। इसमें कंपनी अधिकारियों ने कहा कि देश में टैक्स की दरें दुनियाभर में सबसे अधिक की श्रेणी में हैं।

टेस्ला भारत में अपनी आयातित कारों की इसी वर्ष बिक्री शुरू करना चाहती है। बैठक में टेस्ला का कहना था कि अगर टैक्स दरें घटाई नहीं गई तो कंपनी के लिए भारत में कारोबार करना व्यवहार्य नहीं रह जाएगा। इस बाजार में 40,000 डालर यानी करीब 30 लाख रुपये मूल्य तक के वाहनों पर 60 प्रतिशत आयात शुल्क है। लेकिन उससे अधिक मूल्य के वाहनों पर 100 प्रतिशत शुल्क लगता है। अगर शुल्क की यही दरें प्रभावी रहीं तो ग्राहकों के लिए टेस्ला कारें लगभग पहुंच के बाहर हो जाएंगी।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि टेस्ला को पीएमओ से क्या जवाब मिला है। लेकिन सूत्रों ने बताया कि इस मामले में सरकारी अधिकारियों में ही एक राय नहीं बन रही है। कुछ अधिकारी चाह रहे हैं कि कंपनी को टैक्स छूट तभी दी जानी चाहिए जब वह भारत में मैन्यूफैक्चरिंग का वादा करे। कुछ अधिकारी यह भी मान रहे हैं कि टेस्ला को इस तरह की छूट देने से घरेलू आटो कंपनियों पर बुरा असर पड़ेगा।

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