अनुच्छेद 370 रद होने से दो तिहाई घटीं आतंकी घटनाएं, हालात सुधरने के बाद लौटने लगे हैं कश्मीरी प्रवासी
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकी घटनाओं की घटती संख्या के बावजूद इसमें मारे जाने वाले आम आदमी की संख्या में कमी नहीं आ रही है। 2018 और 2019 में 39 2020 में 37 निर्दोष लोग आतंकी हमलों में मारे गए थे।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदात तेजी से कम हो रही हैं। 2019 के मुकाबले 2021 में आतंकी हमलों और उसमें मारे जाने वाले सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या में दो तिहाई की कमी आई है। हालांकि आतंकी हमलों में मारे जाने वाले आम लोगों की संख्या अब भी चिंता का कारण बनी हुई है।
सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया कि 2019 में जिस साल अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया, जम्मू-कश्मीर में 594 आतंकी हमले दर्ज किए गए थे। इन हमलों में सुरक्षा बलों के 80 जवानों की मृत्यु हुई थी। लेकिन उसके बाद आतंकी हमलों की संख्या घटकर 2020 में 244 और इस साल 15 नवंबर तक 195 रह गई है।
इसी तरह आतंकी हमलों में मारे जाने वाले सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या 2020 में 62 और इस साल 23 नवंबर तक 35 रह गई है। इसके पहले 2018 में कुल 614 आतंकी हमलों में 91 जवान मारे गए थे। आतंकी हमलों में कमी के बावजूद मुठभेड़ में मारे जाने वाले आतंकियों की संख्या में ज्यादा कमी नहीं देखने को मिल रही है, जो सुरक्षा बलों की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। 2018 में मुठभेड़ में कुल 257, 2019 में 157, 2020 में 221 और इस साल अब तक 151 आतंकी मारे जा चुके हैं।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकी घटनाओं की घटती संख्या के बावजूद इसमें मारे जाने वाले आम आदमी की संख्या में कमी नहीं आ रही है। 2018 और 2019 में 39, 2020 में 37 निर्दोष लोग आतंकी हमलों में मारे गए थे। इस साल अभी तक 40 निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं।
हालात सुधरने के बाद लौटने लगे हैं कश्मीरी प्रवासी
तीन दशक पहले अपने घरों को छोड़कर पलायन के लिए मजबूर किये गए कश्मीरी प्रवासी अब अपने घरों में लौटने लगे हैं। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के अनुसार अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद अब तक 1678 प्रवासी कश्मीर में लौट चुके हैं और 151 लोगों को उनकी पुश्तैनी जमीन-जायदाद वापस दिलाई गई है।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने बताया कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद लौटने वाले प्रवासियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में घोषित पैकेज के तहत नौकरी दी गई है।
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि प्रवासी कश्मीरियों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सात सितंबर को एक पोर्टल शुरू किया गया है, जिस पर कश्मीरी प्रवासी अपनी जमीन जायदाद के जबरन कब्जे की शिकायत आनलाइन कर सकते हैं। उनकी शिकायत पर डीएम को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।