बिजली विभाग के इंजीनियर ने अपने ऑफिस में बोर्ड पर लिखा- मैं भ्रष्टाचारी नहीं हूं
तेलंगाना के करीमगंज में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में एडिशनल डिवीजनल इंजीनियर पौदेती अशोक ने ऑफिस में एक बोर्ड लगा दिया है। इस पर लिखा है वह भ्रष्टाचारी नहीं हैं।
करीमगंज, एएनआइ। तेलंगाना के करीमगंज में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में एडिशनल डिवीजनल इंजीनियर पौदेती अशोक ने ऑफिस में एक बोर्ड लगा दिया है। इस पर लिखा है वह 'भ्रष्टाचारी नहीं हैं'। बता दें कि पिछले दिनों रंगारेड्डी जिले के अब्दुल्लापुरमेट गांव में एक महिला तहसीलदार को जिंदा जला दिया गया था। इसके बाद से तेलंगाना में सरकारी अधिकारिययों के बीच काफी डर देखने को मिल रहा है।
दरअसल, तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के अब्दुल्लापुरमेट गांव में एक महिला तहसीलदार विजया रेड्डी (30) को दफ्तर के अंदर जिंदा जलाने का सनसनीखेज मामला लगभग 15 दिन पहले सामने आया था। इस घटना में महिला अधिकारी की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं उन्हें बचाने में दो अन्य कर्मचारी झुलस गए थे। इनमें से एक की हालत गंभीर थी। घटना को अंजाम देने वाला हमलावर भी 50-60 फीसद झुलस गया था। तीनों घायलों का पास के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भूमि दस्तावेजों में त्रुटियों को लेकर नाराज था युवक
तेलंगाना में कथित विसंगतियों के कारण लोगों के बीच बढ़ती नाराजगी के बीच यह घटना सामने आई थी, जो राज्य में चल रहे डिजिटलीकरण अभियान के दौरान भूमि रिकॉर्ड में गड़बड़ी हुई है। बताया जाता है कि हमलावर कोर्ट के आदेश के बावजूद भूमि दस्तावेजों में त्रुटियों को ठीक नहीं करने के चलते अधिकारियों से नाराज था। इब्राहिमपटनम के संभागीय राजस्व अधिकारी अमरेंदर कुमार ने बताया कि एक स्थानीय युवक सुरेश मुदिराजू ने इस घटना को सोमवार दोपहर बाद 1.30 बजे (भोजनावकाश के दौरान) अंजाम दिया। घटना के समय महिला अधिकारी अपने चैंबर में अकेली थीं। हमलावर ने उसी दौरान उनके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
पुलिस जांच में जुटी
रचाकोंडा के पुलिस कमिश्नर महेश एम भागवत ने मीडिया को बताया कि हमलावर ने इस घटना को क्यों अंजाम दिया, इस बात का पता जांच के बाद ही चल सकेगा। यह भी पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि कहीं किसी ने उसे ऐसा करने के लिए उकसाया तो नहीं था। पेट्रोल लेकर हमलावर दफ्तर के अंदर कैसे घुसा, इसकी भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि मामला हत्या और हत्या के प्रयास से जुड़ा है, इसलिए इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा। इस बीच अधिकारियों में काफी खौफ देखने को मिल रहा है और वे अपने छवि को जनता के सामने पेश करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं।