ग्रामीण स्वच्छता का लक्ष्य सिर्फ 'ढाई पग' दूर, देश के 566 जिले हो चुके हैं खुले में शौच मुक्त

ग्रामीण स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए जन हिस्सेदारी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 07:59 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 07:59 PM (IST)
ग्रामीण स्वच्छता का लक्ष्य सिर्फ 'ढाई पग' दूर, देश के 566 जिले हो चुके हैं खुले में शौच मुक्त
ग्रामीण स्वच्छता का लक्ष्य सिर्फ 'ढाई पग' दूर, देश के 566 जिले हो चुके हैं खुले में शौच मुक्त

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण स्वच्छता अपने निर्धारित लक्ष्य से सिर्फ 'ढाई पग' दूर रह गई है। स्वच्छता मिशन के तहत जन हिस्सेदारी को बढ़ावा दिया गया, जिससे स्वच्छता की कवरेज 97.58 फीसद तक पहुंच गई है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक देश के सभी गांवों को स्वच्छ बनाकर लक्ष्य पा लेने की कोशिशें तेज कर दी गई है। ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण ने स्वच्छता अभियान की रफ्तार को तेज कर दिया है। जबकि बिहार, झारखंड और उड़ीसा में रफ्तार थोड़ी धीमी है।

स्वच्छता व पेयजल मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों के निजी घरों में शौचालयों की संख्या बढ़कर लगभग नौ करोड़ तक पहुंच गई है। पिछले चार सालों में इसमें करीब 60 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। देश में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिलों की संख्या बढ़कर 566 पहुंच गयी है। जबकि स्वच्छता कवरेज के हिसाब से कुल 5.36 लाख गांवों ने खुद को ओडीएफ घोषित कर लिया है। इसमें रोजाना इजाफा हो रहा है।

स्वच्छता मंत्रालय के मुताबिक पवित्र नदी गंगा के किनारे बसे 52 जिलों के 4470 गांवों को ओडीएफ बना दिया गया है। पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर अनवरत बहने वाली गंगा के किनारे बसे गांवों को पूर्ण स्वच्छ बनाने के लिए नमामि गंगे के तहत विशेष अभियान चलाया गया। इसके सकारात्मक नतीजे दिखने लगे हैं। गंगा के किनारे शौच करने वालों की संख्या नगण्य रह गयी है।

ग्रामीण स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए जन हिस्सेदारी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण में पंचायत, हॉट, बाजार, आंगनबाड़ी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्कूलों की स्वच्छता प्राथमिकता दी जाएगी। देश के प्रमुख विरासत स्थलों को स्वच्छ बनाने के लिे विशेष अभियान चलाया गया। इनमें ऐतिहासिक विरासत वाले स्थलों के साथ धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों को भी शामिल किया गया।

सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह अभियान के तहत बिहार के चंपारण में देशभर से 20 हजार स्वच्छाग्रहियों का जमावड़ा हुआ। उन्होंने बिहार के विभिन्न जिलों में स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित किया।

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