तमिलनाडु सरकार 3 महीने के भीतर सभी ट्रांसजेंडरों का टीकाकरण करें : मद्रास उच्च न्यायालय
तमिलनाडु सरकार को मद्रास उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि वह 3 महीनों में सभी ट्रांसजेंडरों को टीके की दोनों खुरान लगाएं। मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता बानो की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रांसजेंडरों के हित में फैसला लिया।
चेन्नई , एएनआइ। कोरोना टीकाकरण अभियान में तमिलनाडु की सरकार सभी को टीके लगा रही है। तमिलनाडु सरकार को मद्रास उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि वह अगले 3 महीनों में राज्य के सभी ट्रांसजेंडरों को टीके की दोनों खुरान लगाएं। सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता बानो की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, ट्रांसजेंडरों के हित में फैसला लिया। उन्होंने तमिलनाडु सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि राज्य के सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अगले 3 महीने के भीतर कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक के टीका लगाया जाए।
राइट्स एक्टिविस्ट ग्रेस बानो द्वारा दायर एक याचिका में मांग की गई है कि ट्रांसजेंडरों को कोविड राहत के तहत सरकार से अर्थिक मदद के तौर पर 4,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाए, भले ही उन ट्रांसजेंडरों के पास तमिलनाडु में राशन कार्ड या आईडी कार्डधारक न हों। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में 50,000 से अधिक ट्रांसजेंडर हैं, लेकिन केवल 11,000 से अधिक पंजीकृत हैं, जिनमें से केवल 2,541 के पास ही राशन कार्ड है। ग्रेस बानो ने जून 2021 में मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष यह जनहित याचिका दायर की थी।
बानो द्वारा यह जनहित याचिका तब आई जब सरकार ने राशन कार्ड धारकों को 4,000 रुपये नकद सहायता देने की बात कहीं थी। जनहित याचिका में, बानो ने बोला कि राज्य के कई ऐसे ट्रांसजेंडर है जिनके पास वैध आइडी नहीं है या उनकी आइडी कार्ड की वैधता खो दी हैं। याचिका में यह भी मांग की गई है कि विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन कर ट्रांसजेंडरों को टीके लगाए जाए और सदस्यों को टीके के बारे में पूरी तरह से शिक्षित किया जाए। तमिलनाडु के अटॉर्नी जनरल आर षणमुगसुंदरम ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडरों कोरोना राहत कोष की पहली किस्त के रूप में 2,000 रुपये की दे दिए है और वह जल्द ही दूसरी किस्त भी दे दी जाएगी।