बाढ़ से पहले ही जारी होगी Warning, यह टेक्नोलॉजी पाने वाला पहला राज्य बना तमिलनाडु, पढ़ें खबर

तमिलनाडु चेन्नई में एक ‘intelligent flood warning system’ को काम में लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 01:34 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 02:29 PM (IST)
बाढ़ से पहले ही जारी होगी Warning, यह टेक्नोलॉजी पाने वाला पहला राज्य बना तमिलनाडु, पढ़ें खबर
बाढ़ से पहले ही जारी होगी Warning, यह टेक्नोलॉजी पाने वाला पहला राज्य बना तमिलनाडु, पढ़ें खबर

चैन्नई, पीटीआइ। हाल ही में ही देखा जाए तो देश के कई राज्य, बाढ़ से प्रभावित थे। ना कोई बंदोबस्त और ना ही कोई पहले जारी की गई Warning। हर साल देश के किसी ना किसी राज्य में बाढ़ आती है और जान-माल का नुकसान होता है। जहां 2015 की विनाशकारी चेन्नई बाढ़ के बाद, केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा ऐसी अवधारणा पर ध्यान दिया जाने पर जोर डाला गया, जिसमें बाढ़ की चेतावनी सही समय पर सामने आजाए। तकनीक, जिसे CFLOWS कहा जाता है, भारत की पहली एकीकृत तटीय बाढ़ चेतावनी प्रणाली है।

तमिलनाडु चेन्नई में एक ‘intelligent flood warning system’ को काम में लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जो अधिकारियों को मानसून के दौरान क्षेत्रवार बाढ़ का विवरण कर सकेगा। इस प्रणाली को केवल चेन्नई के लिए ही नहीं बल्कि मुंबई जैसे अन्य तटीय शहरों के लिए भी एक गेम-चेंजर माना जा रहा है, जहाँ शहरी बाढ़ मानदंड बन गया है। नेशनल सेंटर फॉर कोस्टल रिसर्च (NCCR) द्वारा पूरी तरह से चालू CFLOWS का लिंक शुक्रवार को औपचारिक रूप से राज्य आपदा प्रबंधन सेल को सौंप दिया जाएगा।

जे राधाकृष्णन (जो कि तमिलनाडु में आपदा प्रबंधन और शमन का अधिकारी है) ने कहा कि CFLOWS को तुरंत काम में लाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसका राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन पोर्टल TN-Smart के साथ एकीकृत होने से पहले 1-2 सप्ताह के लिए परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'योजना के साथ काम शुरू करने के लिए, सिस्टम शहर के मुख्य शहरी क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो 426 वर्ग किमी में फैला है। बाद में, इसे ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन की सीमा को कवर करने के लिए बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए काम चल रहा है।'

खासियत

यह एक एकीकृत जीआईएस-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली है, जो संभावित 10 दिनों के पूर्वानुमान पर अपनी सेवा प्रदान करेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और TN सरकार ने संयुक्त रूप से इसे विकसित किया है। यह होस्ट किया जाएगा और IMD, NCMRWF और INCOIS से मौसम संबंधी डेटा इनपुट के साथ NCCR में परिचालन किया जाएगा। सिस्टम परिदृश्य को अनुकरण कर सकता है और भविष्यवाणी कर सकता है कि किसी विशेष क्षेत्र में क्या होगा। इसमें 6 मॉड्यूल हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे, इमारतों, सड़कों और वार्ड की सीमाओं में बाढ़ के 3D दृश्य शामिल हैं।

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