अफगान में तालिबान की क्रूरता: महिला खिलाड़ी का सिर कलम किया, धमकी के कारण घरवालों ने साधी चुप्पी

15 अगस्त से अफगानिस्तान पर पूरी तरह काबिज तालिबान ने क्रूरता की हदें पार कर दी। वहां की महिला वालीबाल टीम की कोच ने जानकारी दी कि अक्टूबर में ही महिला खिलाड़ी का सिर कलम कर दिया गया और उसके घरवालों को चुप रहने की धमकी भी दी गई।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 01:31 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:08 AM (IST)
अफगान में तालिबान की क्रूरता: महिला खिलाड़ी का सिर कलम किया, धमकी के कारण घरवालों ने साधी चुप्पी
अफगान में तालिबान की क्रूरता: महिला वालीबाल खिलाड़ी का सिर कलम किया, धमकी के कारण घरवालों ने साधी चुप्पी

नई दिल्ली, आइएएनएस। अफगानिस्तान की सत्ता पर जबरन कब्जा जमाने वाले तालिबान की क्रूरता की एक और हैरान करने वाली खबर सामने आई है। तालिबान ने काबुल में अफगानिस्तान की जूनियर महिला वालीबाल टीम की खिलाड़ी महजबीन हकीमी का सिर कलम कर दिया है। अफगानिस्तान की राष्ट्रीय महिला वालीबाल टीम की कोच सुरैया अफजाली (बदला हुआ नाम) ने परसियन इंडिपेंडेंट के साथ बातचीत में खिलाड़ी की हत्या की पुष्टि की।

टीम की कोच सुरैया ने बताया कि महजबीन के घरवालों को छोड़कर किसी को भी यह नहीं पता है कि उसे कब और कैसे मारा गया। अफगानिस्तान में गनी सरकार के गिरने से पहले महजबीन काबुल नगर निगम वालीबाल क्लब के लिए खेलती थीं। सुरैया के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि महजबीन को शायद अक्टूबर की शुरुआत में ही मार डाला गया था। तालिबान के आतंकियों की धमकी के चलते महजबीन के घर वालों ने किसी को कुछ नहीं बताया।

सुरैया ने यह भी बताया कि तालिबान के आने के बाद महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। तालिबान के आतंकी महिला खिलाडि़यों को ढूंढ रहे हैं और उनके घरों की तलाशी ले रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने और मीडिया में आने वाली महिला खिलाडि़यों को सबसे ज्यादा खतरा है। टीम को कोच ने बताया कि महिला वालीबाल टीम की मात्र दो सदस्य ही किसी तरह अफगानिस्तान से बाहर जाने में सफल रही हैं।

शेष खिलाड़ी अफगानिस्तान में ही हैं और अपनी जान बचाने के लिए छिपती फिर रही हैं। महिलाओं की आजादी को घोर विरोधी है तालिबान तालिबान महिलाओं की आजादी का घोर विरोधी है। 20 साल पहले भी जब उसने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा जमाया था तब सबसे ज्यादा महिलाओं को ही उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा था। अब एक बार फिर महिलाओं को सताया जा रहा है। महिलाओं से जुड़े हर तरह के खेल पर तालिबान ने रोक लगा दी है। महिलाओं के काम करने पर भी तालिबान ने पाबंदी लगा दी है।

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