जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर शहला राशिद को इस महिला अधिकारी ने दिया करारा जवाब

जेएनयू छात्रा और पूर्व छात्र संघ लीडर शहला राशिद द्वारा लगाए गए आरोप पर जम्मू-कश्मीर की सूचना जनसंपर्क विभाग की निदेशक सईद सेहरिश असगर ने करारा जवाब दिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 04:51 PM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 07:57 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर शहला राशिद को इस महिला अधिकारी ने दिया करारा जवाब
जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर शहला राशिद को इस महिला अधिकारी ने दिया करारा जवाब

श्रीनगर, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद सेना ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर मोर्चा संभाला है। दिन बीतने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने लगे हैं। सरकारी दफ्तरों में काम होने लगा है। बंद पड़े शिक्षण संस्थान भी धीरे-धीरे खुलने शुरू हो गए हैं। टेलीफोन सेवा को भी चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जा रहा है।

जेएनयू छात्रा और पूर्व छात्र संघ लीडर शहला राशिद की ओर से 18 अगस्त को दावा किया गया कि कश्मीर के हालात बहुत चिंताजनक हैं। इस पर सेना के बाद अब जम्मू-कश्मीर की सूचना जनसंपर्क विभाग की निदेशक सईद सेहरिश असगर का भी बयान आ गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि घाटी में कानून व्यवस्था से संबंधित कोई घटना नहीं हुई है।

सईद सेहरिश असगर ने बताया कि घाटी में कानून व्यवस्था को लेकर कोई बड़ी घटना नहीं घटित हुई है। जीवन सामान्य हो रहा है। जनता काफी सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा रविवार को अफवाह फैलाई गई, जिसके बाद सरकार ने लोगों से अनुरोध किया कि वे इस तरह की किसी भी तरह की अफवाह पर यकीन न करें। सईद सेहरिश असगर ने कहा कि जम्मू में भी कानून व्यवस्था से जुड़ी किसी तरह की घटना नहीं हुई।

जम्मू-कश्मीर में हालात नियंत्रण में : डीजीपी

इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी कहा था कि जम्मू के साथ कश्मीर में भी हालात नियंत्रण में हैं। पुलिस आतंकवादियों को अलग-थलग करने का दबाव बना रही है ताकि वे लोगों को गुमराह न कर सकें। इसमें एक ओर पुलिस, अ‌र्द्धसैनिक बल और सेना अहम भूमिका निभा रही है। वहीं, लोगों का भी शांति बनाए रखने में योगदान रहा है। डीजीपी ने कहा कि पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।

उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर में विकास का नया युग शुरू होगा। पुलिस का पूरा प्रयास है कि लोगों को गुमराह न किया जा सके। इसके लिए एक ओर पुलिस आतंकवादियों पर दबाव बना रही है तो दूसरी ओर कानून व्यवस्था बनाए रखने पर काम किया जा रहा है। सुरक्षाबल हालात को पूरी तरह से नियंत्रण में रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 13 दिन में हिंसा की छिटपुट घटनाएं ही हुई, जिन पर पुलिस ने काबू पा लिया।

शहला ने लगाया था ये गंभीर आरोप

शहला राशिद खुद भी कश्मीरी हैं और मूल रूप से श्रीनगर की रहनेवाली हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही वह ट्विटर पर सरकार के खिलाफ लगातार सक्रिय हैं। 18 अगस्त को शहला ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर फर्जी दावा किया कि कश्मीर में हालात चिंताजनक है। सेना और पुलिस के लोग आम नागरिकों के घर घुस रहे हैं और उन्हें सताया जा रहा है। उन्होंने शोपियां में सुरक्षाबलों द्वारा कुछ लोगों को जबरन हिरासत में लेने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

शहला राशिद के खिलाफ शिकायत दर्ज

उधर, शहला राशिद के ट्वीट्स को सेना ने भी निराधार बताया है। यही नहीं, शहला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई गई है। वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट को दी गई गई अपनी शिकायत में झूठ फैलाने और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए शहला की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। शहला ने कश्मीर में हालात बेहद खराब होने का दावा करते हुए रविवार को कई ट्वीट किए थे।

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