प्रभावशाली वकीलों को प्राथमिकता के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा अहम फैसला

रजिस्ट्री अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे सामान्य वकीलों या याचिकाकर्ताओं के मामलों में अनावश्यक खामियां न निकाला करें।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 06:36 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 12:58 AM (IST)
प्रभावशाली वकीलों को प्राथमिकता के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा अहम फैसला
प्रभावशाली वकीलों को प्राथमिकता के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा अहम फैसला

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट एक वकील की याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाएगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करने में रजिस्ट्री के अधिकारी प्रभावशाली वकीलों और याचिकाकर्ताओं को प्राथमिकता देते हैं।

शीर्ष अदालत ने 19 जून को सुरक्षित रख लिया था फैसला

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एसए नजीर की पीठ ने अधिवक्ता रीपक कंसल द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर 19 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मामलों को सूचीबद्ध करने में रजिस्ट्री प्रभावशाली वकीलों और याचिकाकर्ताओं को प्राथमिकता देते हैं

याचिका में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि कोविड-19 के इन हालात में जब वर्चुअल अदालतें काम कर रही हैं तो सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में प्रभावशाली वकीलों और याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मामलों को प्राथमिकता न दी जाए। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ताओं और वकीलों के फायदे के लिए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री दिन-रात काम कर रही है।

रजिस्ट्री ने एक देश और एक राशन कार्ड के मुद्दे पर याचिका काफी समय से सूचीबद्ध नहीं की- वकील

पीठ ने वकील से सवाल भी किया था, 'आप रजिस्ट्री और उसके सेक्शन अधिकारियों के खिलाफ ऐसे गैरजिम्मेदार आरोप क्यों लगा रहे हो।' वकील का कहना था कि रजिस्ट्री ने एक देश और एक राशन कार्ड के मुद्दे पर उनकी याचिका काफी समय से सूचीबद्ध नहीं की है।

रजिस्ट्री सामान्य वकीलों के मामलों में खामियां न निकाला करें, कोर्ट दे निर्देश

याचिका में यह भी कहा गया है कि रजिस्ट्री के ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का निपटारा करने का कोई तंत्र नहीं है जो कथित तौर पर कुछ कानूनी फर्मो और वकीलों का पक्ष लेते हैं। साथ ही इसमें संबंधित अधिकारियों को ये निर्देश देने की मांग भी की गई है कि वे सामान्य वकीलों या याचिकाकर्ताओं के मामलों में अनावश्यक खामियां न निकाला करें और अतिरिक्त कोर्ट फीस व अन्य शुल्क वापस किए जाएं।

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