सुप्रीम कोर्ट ने इटली के नाविकों के मामले को किया बंद, परिजनों को मिलेगा 4-4 करोड़ मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट फरवरी 2012 में केरल तट पर दो मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ भारत में कार्यवाही बंद करने और पीड़ितों के उत्तराधिकारियों को 10 करोड़ मुआवजे देने का निर्देश जारी किया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:07 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 12:22 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने इटली के नाविकों के मामले को किया बंद, परिजनों को मिलेगा 4-4 करोड़  मुआवजा
नाविकों को 10 करोड़ का मुआवजा देने का फैसला सुनाया गया था।

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फरवरी 2012 में केरल तट पर दो मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ भारत में आपराधिक कार्यवाही बंद करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने दोनों इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले से जुड़ी प्राथमिकी और कार्यवाही को रद्द कर दिया। 

पीठ ने कहा कि भारत द्वारा स्वीकार किए गए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ निर्णय के अनुसार, इटली गणराज्य मामले में आगे की जांच फिर से शुरू करेगा। शीर्ष अदालत ने इटली गणराज्य द्वारा भुगतान किए गए 10 करोड़ रुपये के मुआवजे को उचित और पर्याप्त करार दिया। इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि पीड़ितों के परिवार के हितों की रक्षा के लिए मुआवजे का पैसा केरल हाई कोर्ट में जमा किया जाए।

बता दें कि वर्ष 2012 में इटली के दो नाविकों ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या कर दी थी। भारत ने इटली के तेल टैंकर एमवी एनरिका लेक्सी पर तैनात दो इतालवी नाविकों -सल्वाटोरे गिरोने और मैस्सीमिलियानो लटोरे पर भारत के आर्थिक क्षेत्र में 15 फरवरी 2012 को मछली पकड़ने वाली नौका में सवार दो भारतीय मछुआरों की गोली मार कर हत्या करने का आरोप लगाया था।

हत्या के मामले में दोनों नाविकों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले के अनुसार दोनों नाविकों को इटली की जेल भेज दिया गया और नाविकों को 10 करोड़ का मुआवजा देने का फैसला किया गया। अब ये मुआवजा मिल चुका है। इसमें से चार-चार करोड़ रुपये उन नाविकों के स्वजनों को दिए जाएंगे और दो करोड़ रुपये उस नौका मालिक को मिलेंगे जिसकी नाव में सवार होकर ये मछुआरे मछली पकड़ने समुद्र में गए थे।

केंद्र ने जुलाई 2020 को शीर्ष अदालत में इतालवी नाविकों के खिलाफ चल रही कार्यवाही बंद करने के लिये एक आवेदन दायर किया था। केंद्र ने कहा था कि उसने हेग स्थित पंचाट की स्थाई अदालत का 21 मई, 2020 का फैसला स्वीकार कर लिया है कि भारत इस मामले में मुआवजा पाने का हकदार है, लेकिन नाविकों को प्राप्त छूट की वजह से वह इन पर मुकदमा नहीं चला सकता। 

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