सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, त्रिपुरा में चुनाव प्रचार, मतदान के दिन और परिणाम की घोषणा तक सुरक्षा के लिए क्या विशेष व्यवस्था

तृणमूल कांग्रेस पार्टी की इस याचिका में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले विपक्षी दलों के खिलाफ हिंसक घटनाओं को रोकने में विफल रहने के लिए त्रिपुरा सरकार और अन्य के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 09:09 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 11:33 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, त्रिपुरा में चुनाव प्रचार, मतदान के दिन और परिणाम की घोषणा तक सुरक्षा के लिए क्या विशेष व्यवस्था
टीएमसी की याचिका पर कोर्ट ने राज्य प्रशासन और पुलिस को स्वतंत्र और निष्पक्ष निगम चुनाव कराने को कहा था

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार के वकील को डीजीपी और गृह सचिव से विस्तृत निर्देश लेने के लिए कहा कि आज के चुनाव प्रचार, मतदान के दिन और परिणाम की घोषणा तक सुरक्षा के लिए क्या विशेष व्यवस्था की गई है। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर आज दोपहर 12.45 बजे सुनवाई करेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट यह भी जानना चाहता है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी कितनी है, ताकि उन्हें क्षेत्रों में तैनात किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट टीएमसी की अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि त्रिपुरा में कानून व्यवस्था की स्थिति नागरिक निकाय चुनावों से एक दिन पहले बिगड़ी है।

बता दें कि त्रिपुरा चुनावों में हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) की याचिका में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले विपक्षी दलों के खिलाफ हिंसक घटनाओं को रोकने में विफल रहने के लिए त्रिपुरा सरकार और अन्य के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। टीएमसी ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद त्रिपुरा में चुनावों के दौरान हालात खराब हो रहे हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट त्रिपुरा के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करे।

इससे पहले टीएमसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य प्रशासन और पुलिस को स्वतंत्र और निष्पक्ष निगम चुनाव कराने को कहा था। कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि जिन इलाकों में चुनाव होने हैं वहां सुरक्षा और शांति रहना सुनिश्चित करें। त्रिपुरा पुलिस अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया था कि किसी भी राजनीतिक दल को कानून के अनुसार शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक प्रचार करने के अपने अधिकारों का प्रयोग करने से रोका नहीं जाए।

अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 12 अन्य नगर निकायों के लिए 25 नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर हिंसक घटनाओं के बाद त्रिपुरा में तनाव बढ़ गया है। टीएमसी ने पहले आरोप लगाया था कि रविवार को अगरतला के भगवान ठाकुर चौमुनि इलाके में तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई की संचालन समिति के प्रमुख सुबल भौमिक के आवास पर हमले के बाद कई लोग घायल हो गए थे।

उधर, टीएमसी के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में पार्टी की यूथ विंग की अध्यक्ष सायनी घोष पर पुलिस की कथित बर्बरता और गिरफ्तारी को लेकर कल केंद्रीय गृह मंत्रालय के बाहर धरना दिया। डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय, शांतनु सेन, डोला सेन सहित तृणमूल के 16 सांसद दिल्ली में तृणमूल पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। टीएमसी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की। इनका आरोप है कि त्रिपुरा की घटना को लेकर उन्होंने गृह मंत्री से मिलने का वक्त मांगा था लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।

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