कोरोना से मौत पर मुआवजा नहीं देने पर बंगाल, महाराष्ट्र व राजस्थान को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोरोना से मौत मामले में मुआवजा राशि देने से राज्य इंकार नहीं कर सकता। इस मामले में अगर प्रमाणपत्र में मौत का कारण कोरोना नहीं लिखा है तो सिर्फ इसी आधार पर मुआवजा देने से राज्य सरकार इंकार नहीं कर सकती।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोरोना से मौतों के मामले में मुआवजे के भुगतान में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए महाराष्ट्र, राजस्थान और बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के हलफनामे पर नाराजगी जताई और कहा कि हम आपके हलफनामे से खुश नहीं हैं। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि हम सख्ती दिखाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में चार अक्टूबर को कहा था कि कोरोना से हुई मौत होने के मामले में मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि देना होगा। स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड (एडीआरएफ) से यह रकम आवेदन और डेथ सर्टिफिकेट आदि पेश करने के 30 दिन के भीतर दिया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि कोविड से हुई मौत के मामले में मुआवजा राशि देने से राज्य इंकार नहीं कर सकता। कोरोना से हुई मौत के मामले में अगर प्रमाणपत्र में मौत का कारण कोरोना नहीं लिखा है तो सिर्फ इसी आधार पर मुआवजा देने से राज्य सरकार इंकार नहीं कर सकती। इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ में महाराष्ट्र सरकार की ओर से हलफनामा पेश किया गया। हलफनामा देखकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा मौतें हुई लेकिन 37 हजार आवेदन मिले। एक भी पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया गया। यह सब हास्यास्पद है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह सब स्वीकार नहीं कर सकते। इस दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें मुआवजा भुगतान के लिए कुछ वक्त दे दिया जाए। तब सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि हम राज्य सरकार के खिलाफ सख्ती से पेश आएंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस शाह ने महाराष्ट्र सरकार के वकील से कहा कि कहा कि आप इसे अपने जेब में रखें और अपने सीएम को दें।सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बंगाल के वकील से कहा कि बंगाल में कोरोना से 19 हजार लोगों की मौत हुई। लेकिन 467 लोगों का आवेदन मिला और सिर्फ 110 लोगों को मुआवजा दिया गया। कोर्ट ने कहा कि राजस्थान में नौ हजार लोगों की कोरोना से मौत हुई और 595 आवेदन मिले हैं लेकिन मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि वह सरकार से कहें कि वे इंसान बन जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब नोटिस जारी किया गया तब ज्यादातर राज्यों ने आनलाइन पोर्टल बनाया। अदालत ने राज्यों से कहा कि मुआवजा राशि के बारे में व्यापक प्रचार किया जाए। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।