खोरी गांव के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वन भूमि से बिना अपवाद हर तरह का अवैध निर्माण हटाया जाए

जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश महेश्वरी की पीठ ने शुक्रवार को ये आदेश खोरी गांव में वन भूमि पर अवैध निर्माण हटाए जाने पर रोक और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करने वाली अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:13 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 11:00 PM (IST)
खोरी गांव के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वन भूमि से बिना अपवाद हर तरह का अवैध निर्माण हटाया जाए
बाकी के अवैध निर्माण हटाने के लिए शीर्ष अदालत ने दिया चार और सप्ताह का समय

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फरीदाबाद खोरी गांव की वन भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फरीदाबाद नगर निगम से कहा कि वन भूमि पर कोई भी अवैध कब्जा नहीं होना चाहिए। वन भूमि से सभी तरह के अवैध निर्माण हटाए जाएं, इसमें किसी तरह का अपवाद और छूट नहीं होगी। शीर्ष अदालत ने इसके लिए फरीदाबाद नगर निगम को चार सप्ताह का समय और दे दिया है। नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 150 एकड़ में से करीब 74 एकड़ वन भूमि अवैध कब्जेदारों से खाली करा ली गई है। निगम ने पूरा क्षेत्र खाली कराने के लिए कोर्ट से कुछ और समय मांगा था।

जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश महेश्वरी की पीठ ने शुक्रवार को ये आदेश खोरी गांव में वन भूमि पर अवैध निर्माण हटाए जाने पर रोक और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करने वाली अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिए। सुप्रीम कोर्ट ने सात जून को फरीदाबाद नगर निगम को आदेश दिया था कि वह वन भूमि से सभी अवैध कब्जे हटाकर कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करे। नगर निगम की ओर से पेश वकील अरुण भारद्वाज ने शुक्रवार को कोर्ट को बताया कि आदेश के मुताबिक नियोजित ढंग से अभियान चलाकर वन भूमि से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं। भारद्वाज ने कहा कि 150 एकड़ वन भूमि में से 74 एकड़ भूमि से अवैध कब्जा हटा दिया गया है और जमीन अपने कब्जे में ले ली गई है। काम पूरा होने में अभी कुछ और वक्त लगेगा इसके लिए कोर्ट तीन सप्ताह का समय और दे दे। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करके और काम को देखते हुए नगर निगम को चार सप्ताह का वक्त और दे दिया।

पुनर्वास के लिए नगर निगम को ज्ञापन दें

सुनवाई के दौरान अवैध निर्माण हटाए जाने के पीडि़त लोगों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंसाल्विस ने कहा कि निर्माण हटाने से लोग सड़क पर आ गए हैं। उनके पुनर्वास का इंतजाम होना चाहिए। उन्होंने हरियाणा की नई पुर्नवास नीति का भी मुद्दा उठाया। जिस पर कोर्ट ने कहा कि नई नीति का अभी सिर्फ ड्राफ्ट तैयार हुआ है। कोर्ट ने गोंसाल्विस से कहा कि वह इस बारे में फरीदाबाद नगर निगम को ज्ञापन दें। निगम उस पर विचार करेगा। कोर्ट ने निर्देश दिया कि नई नीति 31 जुलाई तक अधिसूचित हो जानी चाहिए। अगर नई नीति पर याचिकाकर्ताओं को कोई आपत्ति है तो कानून के मुताबिक उन्हें अर्जी देने की छूट होगी।

चाहे फार्महाउस हो या कुछ और, एक भी अवैध कब्जा नहीं रहेगा

गोंसाल्विस ने एक आइएएस द्वारा आरटीआइ अर्जी से मिली सूचना का हवाला देते हुए कहा कि वन भूमि पर अवैध कब्जेदारों की लंबी सूची है। इसमें फार्महाउस और होटल भी शामिल हैं। उनकी इस दलील पर पीठ ने कहा कि आप आश्वस्त रहें, वन भूमि पर एक भी अवैध कब्जा नहीं रहेगा चाहे वह फार्महाउस हो या कुछ और। कोर्ट ने कहा कि वन भूमि से सारे अवैध कब्जे हटाए जाएंगे, इसमें किसी तरह का कोई अपवाद या छूट नहीं होगी। यह काम दिए गए चार सप्ताह में पूरा किया जाएगा। जिनके पास अनुमति नहीं है, उन्हें हटाया जाए। मामले पर कोर्ट तीन अगस्त को फिर सुनवाई करेगा।

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