अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आइआइसीएफ ट्रस्ट के रिकार्ड समन करने से इन्कार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें अयोध्या में पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद-अस्पताल परिसर निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आइआइसीएफ) की ट्रस्ट डीड समन करने की मांग की गई थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:49 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:49 PM (IST)
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आइआइसीएफ ट्रस्ट के रिकार्ड समन करने से इन्कार
सुप्रीम कोर्ट का आइआइसीएफ ट्रस्ट के रिकार्ड समन करने से इन्कार

 नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अयोध्या में पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद-अस्पताल परिसर निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आइआइसीएफ) की ट्रस्ट डीड समन करने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 14 जून के आदेश में हस्तक्षेप करने से किया इन्कार

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह उसके 2019 के आदेश में हस्तक्षेप होगा। याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें ट्रस्ट डीड समन करने के आवेदन को खारिज कर दिया गया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि वे हाई कोर्ट के इसी साल 14 जून के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

पीठ ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत हम विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के इच्छुक नहीं हैं। लिहाजा विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।' यह याचिका नदीम अहमद और अन्य ने दायर की थी। इसमें उन्होंने ट्रस्ट को भंग करने और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के कब्जे से ट्रस्ट के रिकार्ड समन करने की मांग की थी। उन्होंने हाई कोर्ट में दावा किया था कि वक्फ बोर्ड को ट्रस्ट का गठन करने और पांच एकड़ जमीन के इस्तेमाल का अधिकार नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या के धन्नीपुर में मस्‍जिद बनाने के लिए पांच एकड़ भूमि मिली है। न्यायालय के फैसले से अयोध्या में राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद का निर्माण होगा। मस्जिद निर्माण को लेकर स्वीकृति के लिए प्राधिकरण में नक्शा प्रस्तुत किया गया। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सदस्य अफजाल अहमद खान ने विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ परियोजना को लेकर बैठक की। मस्जिद निर्माण परियोजना के तहत 300 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई और एक अध्ययन केंद्र होगा, जिसमें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले मुस्लिमों का उल्लेख होगा।

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