मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल से इन्कार, कहा- आर्थिक राहत के उपाय करना सरकार का अधिकार क्षेत्र

कोर्ट ने कहा कि वह आर्थिक विशेषज्ञ नहीं है। आर्थिक राहत के उपाय करना सरकार के कार्यक्षेत्र में आता है ये सरकार का नीतिगत मामला है। कोर्ट इस बारे में कोई आदेश नहीं देगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण व एमआर शाह की पीठ ने विशाल तिवारी की याचिका खारिज की।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:08 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:08 PM (IST)
मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल से इन्कार, कहा- आर्थिक राहत के उपाय करना सरकार का अधिकार क्षेत्र
मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल से इन्कार, कहा - आर्थिक राहत के उपाय करना सरकार का अधिकार क्षेत्र

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के कारण आर्थिक संकट झेल रहे कर्जदारों को किस्तों से छूट देने और अन्य तरह की राहत के बारे मे कोई भी आदेश देने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह आर्थिक विशेषज्ञ नहीं है। आर्थिक राहत के उपाय करना सरकार के कार्यक्षेत्र में आता है ये सरकार का नीतिगत मामला है। कोर्ट इस बारे में कोई आदेश नहीं देगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण व एमआर शाह की पीठ ने विशाल तिवारी की याचिका निपटाते हुए यह बयान दिए।

तिवारी ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लोगों की आर्थिक स्थिति और ज्यादा खराब होने की दुहाई देते हुए कोर्ट से कर्ज अदायगी की किस्तों से फिलहाल राहत देने और मोरेटोरियम लागू करने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान विशाल तिवारी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में बहुत लोगों ने नौकरियां गंवाई हैं इस बार स्थिति पिछली बार से ज्यादा खराब है। पिछली बार सरकार ने लोगों को राहत दी थी लेकिन इस बार नहीं दी है। इस दलील पर पीठ ने तिवारी से कहा कि ये नीतिगत मसला है और इसके वित्तीय परिणाम होंगे, कोर्ट इस बारे में आदेश नहीं दे सकता। न्यायाधीश एमआर शाह ने कहा कि सरकार के पास टीकाकरण, प्रवासी मजदूर वर्ग समेत कई चीजें हैं जिन पर खर्च करना है। इस पर सरकार को ही निर्णय लेना चाहिए।

कोर्ट के रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर कोर्ट कर्ज की किस्तों पर मोरेटोरियम नहीं देता तो कम से कम बैंक का कर्ज न चुकाने पर संपत्ति की नीलामी और बिक्री पर ही रोक लगा दे, क्योंकि इस वक्त संपत्तियों के दाम कम हैं। लेकिन कोर्ट ने कहा कि इस बारे में एक समान आदेश नहीं दिया जा सकता।

chat bot
आपका साथी