सुप्रीम कोर्ट का अवैध मतांतरण रोकने वाले कानून के खिलाफ सुनवाई से इनकार, जानें शीर्ष अदालत ने क्‍या कहा

विवाह प्रलोभन इत्यादि की आड़ में कराए जाने वाले मतांतरण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बनाए गए कानूनों को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इनकार कर दिया। जानें सर्वोच्‍च अदालत ने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 09:42 PM (IST) Updated:Thu, 04 Feb 2021 12:27 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट का अवैध मतांतरण रोकने वाले कानून के खिलाफ सुनवाई से इनकार, जानें शीर्ष अदालत ने क्‍या कहा
मतांतरण रोकने के लिए बनाए गए कानूनों पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। विवाह, प्रलोभन इत्यादि की आड़ में कराए जाने वाले मतांतरण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बनाए गए कानूनों को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हाई कोर्ट में लंबित हैं और याचिकाकर्ता को वहीं जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर यह बात कही...

हाईकोर्ट जाए याचिकाकर्ता

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गैर सरकारी संगठन पीयूसीएल (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज) की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा महत्वपूर्ण है। इलाहाबाद हाई कोर्ट और नैनीताल हाई कोर्ट इसी मसले पर सुनवाई कर रहे हैं ऐसे में याचिकाकर्ता को भी हाईकोर्ट जाना चाहिए।

हाईकोर्ट का नजरिया जानने का मौका मिलेगा

पीठ ने कहा कि वह मामले की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे ही लेकिन जब हाईकोर्ट में मामला लंबित है तो उसे भी हाईकोर्ट का नजरिया जानने का अवसर मिलेगा। याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने पीठ से कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसी कुछ याचिकाओं पर नोटिस कर चुका है ऐसे में उनकी याचिका को भी उसी मामले के साथ सुनवाई के लिए संलग्न कर दिया जाए।

अवैध मतांतरण कानून को चुनौती

पारिख ने कहा कि उनकी याचिका में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अवैध मतांतरण कानून को चुनौती दी गई है। इन कानूनों में निर्दोष लोगों पर मुकदमे हो रहे हैं लेकिन पीठ उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए राजी नहीं हुई और उनसे हाईकोर्ट जाने को कहा।

अंतरिम रोक लगाने से इनकार

इससे पहले छह जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अवैध मतांतरण रोकने के लिए बनाए गए कानून को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर विचार का मन बनाते हुए नोटिस जारी किए थे। हालांकि कोर्ट ने कानून पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

chat bot
आपका साथी