सुप्रीम कोर्ट का कोरोना संक्रमण के बीच जेलों में भीड़ घटाने वाली याचिका पर विचार से इन्कार

याचिकाकर्ता व आइआइएम अहमदाबाद के पूर्व प्रभारी निदेशक जगदीप एस. छोकर की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने मामले की पैरवी की।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:55 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 12:03 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट का कोरोना संक्रमण के बीच जेलों में भीड़ घटाने वाली याचिका पर विचार से इन्कार
सुप्रीम कोर्ट का कोरोना संक्रमण के बीच जेलों में भीड़ घटाने वाली याचिका पर विचार से इन्कार

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के बीच देशभर की जेलों में भीड़ कम करने से संबंधित एक याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया। उसने कहा कि सभी राज्यों में स्थितियां एक जैसी नहीं हैं, इसलिए इसके बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किया सकता है।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका की वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई के दौरान आदेश दिया, 'याचिकाकर्ता के वकील अधिकार क्षेत्र वाले हाई कोर्ट के समक्ष मामले को रखने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेते हैं। उन्हें इसकी इजाजत दी जाती है और यह समझा जाएगा कि याचिका वापस ली गई है।' पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना व जस्टिस ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे। याचिकाकर्ता व आइआइएम अहमदाबाद के पूर्व प्रभारी निदेशक जगदीप एस. छोकर की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने मामले की पैरवी की।

गौरतलब है कि 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों में क्षमता से अधिक संख्या में कैदियों को रखे जाने पर स्वत: संज्ञान लिया था। उसने कहा था कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जेल में कैदियों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखना मुश्किल है।

निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की अधिकतम सीमा तय करने की मांग

वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की अधिकतम सीमा तय करने की मांग पर विचार करेगा। कोर्ट ने अविशेक गोयनका की इस याचिका पर केंद्र सरकार से 1 हफ्ते में जवाब मांगा है।सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे प्राइवेट अस्पतालों में अधिकतम फीस तय करने के लिए केंद्र से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए एक सप्ताह के भीतर केंद्र की ओर से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की प्रतिक्रिया की मांग करते हुए निजी अस्पतालों द्वारा COVID-19 मरीजों का इलाज करने के लिए ली जा रही फीस की ऊपरी सीमा निर्धारित करने की मांग की है। 

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