एनआरआइ पति पीड़ित महिलाओं की याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट राजी
दहेज के लिए पत्नियों को छोड़ने वाले एनआरआइ पतियों की अनिवार्य गिरफ्तारी वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दहेज के लिए पत्नियों को छोड़ने वाले एनआरआइ पतियों की अनिवार्य गिरफ्तारी वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में एफआइआर के बाद पतियों की गिरफ्तारी के साथ ही विदेश में मुकदमा लड़ने के लिए सहायता देने की भी मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ द्वारा इस संबंध में केंद्र से जवाब दाखिल करने के आदेश देने के बाद इस मुद्दे पर कोई नीति बनाए जाने का संकेत देता है। पीठ ने कहा है कि जब तक केंद्र इस पर जवाब दाखिल करता
है तब तक याचिकाकर्ता इस मुद्दे पर कोई अन्य दस्तावेज दाखिल नहीं करें। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील सत्या मित्रा ने कहा कि मामले में एफआइआर दर्ज कराए जाने के बाद फरार पतियों के खिलाफ तुरंत लुकआउट सर्कुलर जारी किया जाना चाहिए। याचिका में पूरे विश्व में मौजूद दूतावासों को छोड़ी गई महिलाओं को मदद देने के संबंध में निर्देश देने को भी कहा गया है।