वाट्सएप ग्रुप पर वीडियो कांफ्रेंस का लिंक साझा नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट, बताई यह वजह, आप भी जानें

सुप्रीम कोर्ट पर सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंस लिंक साझा करने के लिए वाट्सएप ग्रुपों का उपयोग नहीं करेगा। अदालत इसे साझा करने के लिए वाट्सएप ग्रुप के बजाय पंजीकृत ईमेल आइडी का इस्‍तेमाल करेगी। ये लिंक मोबाइल फोन पर भी साझा किए जाएंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:57 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 01:08 AM (IST)
वाट्सएप ग्रुप पर वीडियो कांफ्रेंस का लिंक साझा नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट, बताई यह वजह, आप भी जानें
सुप्रीम कोर्ट पर सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंस लिंक साझा करने के लिए वाट्सएप ग्रुपों का उपयोग नहीं करेगा।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट पर सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंस लिंक साझा करने के लिए वाट्सएप ग्रुपों का उपयोग नहीं करेगा। यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्रार ने दी है। रजिस्ट्रार आफिस ने एक सर्कुलर में बताया कि शीर्ष अदालत में वर्चुअल सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंस (वीसी) लिंक साझा करने के लिए वाट्सएप ग्रुप के बजाय पंजीकृत ईमेल आइडी का इस्‍तेमाल करेगी। संबंधित वकीलों और पक्षकारों के लिए लिंक मोबाइल फोन पर भी साझा किए जाएंगे।

यह कदम नव अधिसूचित आइटी रूल्स, 2021 (गाइडलाइंस फार इंटरमीडियरी एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) के मद्देनजर कदम उठाया गया है। वकीलों और पक्षकारों को जानकारी देने के लिए जारी इस सर्कुलर में कहा गया कि इंटरनेट मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म के नियमन के लिए लाए गए नियमों के अनुसार सुनवाई के वीसी लिंक वाट्सएप ग्रुप पर साझा करने पर पूरी तरह रोक रहेगी। वीसी लिंक की जानकारी ईमेल और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए मिलेगी।

उल्लेखनीय है सरकार ने गुरुवार को फेसबुक और ट्विटर जैसी इंटरनेट मीडिया फर्मो और ओटीटी प्लेटफार्म के लिए व्यापक नियमों की घोषणा की थी। सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों के तहत इन सभी प्लेटफार्म के आपत्तिजनक कंटेंट पर लगाम लगेगी। सरकार ने इन प्लेटफार्म पर शिकायतों के निपटारे पर विशेष जोर दिया है। इन कंपनियों को सरकार की ओर से किसी सामग्री को हटाने का निर्देश मिलने के बाद तय समय में उसका पालन करना होगा।

दिशानिर्देश को सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 का नाम दिया गया है। सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को खुराफाती पोस्ट को मूलरूप से शेयर करने वाले की जानकारी देनी होगी। अगर विदेश में उस कंटेंट को तैयार किया गया है, तो भारत में पहली बार उसे शेयर करने वाले के बारे में बताना होगा।

नए निर्देश में महिलाओं की मर्यादा का विशेष ख्याल रखा गया है। ऐसी किसी भी पोस्ट पर लगाम लगाने का निर्देश है, जिसमें किसी की तस्वीर से छेड़छाड़ कर उसे आपत्तिजनक तरीके से दिखाया गया हो। इसी तरह, ओटीटी को स्वनियामक के तहत काम करना होगा, जबकि डिजिटल न्यूज चलाने वाले को सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा, ताकि उनकी साइट पर चलने वाली गलत खबर पर रोक लगाई जा सके।  

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