धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर भेदभाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे और मायने पर सुनवाई कर रहा है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 17 Feb 2020 01:12 PM (IST) Updated:Mon, 17 Feb 2020 02:03 PM (IST)
धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर भेदभाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई
धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर भेदभाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई

नई दिल्ली, एएनआइ। धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश को लेकर सामने आते भेदभाव के मामलों पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे और मायने पर सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की पीठ द्वारा इस मामल में सुनवाई जारी है। सबरीमाला मंदिर समेत धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव संबंधी अन्‍य मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया गया। पिछले हफ्ते सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि मामले पर 17 फरवरी से रोजाना सुनवाई होगी जिसमें दोनों पक्षों को बहस के लिए सात सात दिन दिए जाएंगे।

बेंच के अन्य सदस्यों में जस्टिस आर. भानुमति, अशोक भूषण, एल. नागेश्वर राव, एमएम शांतनागौदर, एसए नजीर, आर. सुभाष रेड्डी, बीआर गवई और सूर्य कांत शामिल हैं। बता दें कि पहले पीठ ने कहा था कि वह 10 दिन से ज्यादा समय नहीं ले सकती। यदि कोई ज्यादा समय चाहता है तो यह नहीं दिया जा सकता।

इस मामले की सुनवाई का असर सबरीमाला में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश, मस्जिद और मजार में महिलाओं के प्रवेश पर रोक, दाउदी बोहरा मुसलमानों में महिलाओं का खतना और पारसी महिला के गैर पारसी से विवाह करने पर अग्रहारी में प्रवेश पर रोक का मुद्दा उठाने वाली लंबित याचिकाओं पर भी पड़ेगा हालांकि कोर्ट फिलहाल सीधे तौर पर इन याचिकाओं पर विचार नहीं करेगा बल्कि ये याचिकाएं सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपलब्ध होंगी और कोर्ट कानून का विस्तृत मुद्दा उठाने वाले धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से जुड़े सात सवालों पर विचार करेगा।

बता दें कि सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश और मुस्लिम व पारसी महिलाओं के साथ कथित भेदभाव जैसे अन्य मुद्दों को लेकर 9 सदस्यीय संविधान पीठ ने 13 जनवरी को सुनवाई शुरू की थी।

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