CBI को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, कहा- अपील दायर करने में देरी न हो यह सुनिश्चित करे जांच एजेंसी

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए कि अपील दायर करने में कोई देरी न हो और इसकी समुचित निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित तंत्र अपनाया जाना चाहिए।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:49 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:49 PM (IST)
CBI को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, कहा- अपील दायर करने में देरी न हो यह सुनिश्चित करे जांच एजेंसी
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को दिया निर्देश। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए कि अपील दायर करने में कोई देरी न हो और इसकी समुचित निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित तंत्र अपनाया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जून 2019 के एक आदेश के खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा याचिका दायर करने में 647 दिन की देरी पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआइ द्वारा इस मामले में दिया गया स्पष्टीकरण साफ तौर पर अपर्याप्त है।

CBI द्वारा बताए गए आधार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया

भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपितों को बरी करने के खिलाफ याचिका दायर करने में देरी के लिए सीबीआइ द्वारा बताए गए आधार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने पिछले सप्ताह अपने आदेश में कहा, सीबीआइ को यह निर्देश दिया जाता है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए कि भविष्य में इस तरह का विलंब न हो।

देरी विलंब के कारणों के बारे में गंभीर संदेह पैदा करने के लिए जिम्मेदार

निर्धारित अवधि की सीमा में अपील दायर करने में संबंधित अधिकारी की तरफ से की गई देरी विलंब के कारणों के बारे में गंभीर संदेह पैदा करने के लिए जिम्मेदार है। न्यायालय ने कहा कि यह कहना कि कोरोना महामारी शुरू हो जाने के कारण याचिका दायर करने में देरी हुई, विलंब की कुल अवधि को लेकर न्यायोचित नहीं है। हाई कोर्ट ने अपना फैसला जून 2019 में सुना दिया था, जबकि महामारी मार्च 2020 में शुरू हुई।

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