मुलक्कल ने लगाई बरी करने की गुहार, निर्दोष होने का किया दावा, सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने बिशप फ्रेंको मुलक्कल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने नन दुष्कर्म मामले से बरी किए जाने के निर्देश देने की मांग की थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 06:16 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 03:04 AM (IST)
मुलक्कल ने लगाई बरी करने की गुहार, निर्दोष होने का किया दावा, सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी खारिज की
मुलक्कल ने लगाई बरी करने की गुहार, निर्दोष होने का किया दावा, सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी खारिज की

नई दिल्ली, एएनआइ।  सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिशप फ्रेंको मुलक्कल की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने नन दुष्कर्म मामले से बरी किए जाने के निर्देश देने की मांग की थी। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'हम मेरिट पर कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन मामले से बरी करने के मसले पर हम याचिका खारिज कर रहे हैं।' मुलक्कल ने याचिका में खुद को निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है क्योंकि उन्होंने पीडि़त नन से वित्तीय लेनदेन को लेकर सवाल किए थे। 

इससे पहले सात जुलाई को केरल हाई कोर्ट ने भी मुलक्कल की याचिका खारिज कर दी थी और मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। मार्च में कोट्टायम की निचली अदालत ने मुलक्कल की बरी किए जाने की मांग संबंधी याचिका खारिज कर दी थी। पीडि़त नन ने मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। नन की शिकायत पर कोट्टायम पुलिस ने मुलक्कल के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

बीते मार्च महीने में केरल की अदालत ने नन से दुष्कर्म के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल की आरोप मुक्त करने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए उस पर मुकदमा चलना तय कर दिया था। बता दें‍ कि जून 2018 में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में पीड़‍िता नन ने कहा था कि बिशप मुलक्कल ने उसका वर्ष 2014-16 के बीच यौन शोषण किया। मामले की जांच कर रही एसआइटी ने मुलक्कल को 21 सितंबर 2018 को गिरफ्तार किया था। हालांकि 16 अक्टूबर 2018 को मुलक्कल को जमानत मिल गई थी। केरल पुलिस ने मुलक्कल के खिलाफ 1,400 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। 

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