भोपाल गैस पीड़ितों को ज्यादा मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ करेगी सुनवाई, केंद्र ने डाली थी याचिका
Supreme Court on compensation to Bhopal gas victims सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ 28 जनवरी से भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले की सुनवाई करेगी।
भोपाल, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ 28 जनवरी से भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले की सुनवाई करेगी। केंद्र सरकार ने साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट में भोपाल गैस त्रासदी पीडि़तों के लिए अतिरिक्त मुआवजे के लिए क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। केंद्र सरकार ने कहा है कि अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कंपनी अब डॉउ केमिकल्स के स्वामित्व में है। ऐसे में उसे गैस पीड़ितों को सात हजार 413 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने का निर्देश दिए जाए।
केंद्र सरकार ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1989 में तय किए गए मुआवजे का फिर से मूल्यांकन किया जाए। पहले समझौता मृत्यु, चोटों और नुकसान की संख्या का आकलन गलत धारणाओं पर आधारित था। इसके बाद पर्यावरणीय नुकसान को ध्यान में नहीं रखा गया। मुआवजा तीन हजार मौतों और 70 हजार घायलों के मामलों के पहले के आकड़ों पर था। गौरतलब है कि भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में दो दिसंबर 1984 की रात गैस रिसाव से करीब तीन हजार लोगों की जान गई थी।
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शनिवार को इंदौर में कहा था कि विदेश में प्रदेश की पहचान भोपाल गैस कांड से है। वह 'आपकी सरकार-आपके द्वार' कार्यक्रम के दौरान दावोस के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सम्मेलन के दौरान हुए अनुभव साझा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दावोस में पहचान के लिए मुझे भी बैज लगाया था। बैज पर लिखा था- मध्य प्रदेश, इंडिया, एक व्यक्ति ने मुझे रोका। मेरा बैज देखा और मध्य प्रदेश दिखते ही कहा- भोपाल गैस! उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान भोपाल गैस त्रासदी से है, यह कितनी शर्म की बात है।