कोरोना के चलते अगले आदेश तक सुप्रीम कोर्ट बंद, सिर्फ तत्काल मामलों की होगी सुनवाई

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि नियमित न्यायालय और रजिस्ट्रार न्यायालय 22 अप्रैल से अगले आदेश तक नहीं बैठेंगे और अदालतों के बैठने के संबंध में एक अलग परिपत्र जारी किया जाएगा।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 09:00 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 09:00 AM (IST)
कोरोना के चलते अगले आदेश तक सुप्रीम कोर्ट बंद, सिर्फ तत्काल मामलों की होगी सुनवाई
22 अप्रैल से सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट।

नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 22 अप्रैल से सुप्रीम कोर्ट सिर्फ जरूरी मामलों की ही सुनवाई करेगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक और सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 22 अप्रैल से नियमित अदालतें नहीं बैठेंगी। कोर्ट ने 22 अप्रैल की मुकदमों की सुनवाई की जारी लिस्ट निरस्त कर दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के कई जज और कर्मचारी कोरोना वायरस के संक्रमित हैं।

सर्कुलर में कहा गया है कि एडवोकेट आन रिकार्ड और पार्टी इन परसन मामलों की सुनवाई के लिए एक मेंशनिंग अर्जी देंगे जिसमें तत्काल सुनवाई का कारण बताएंगे। ऐसे मामलों मे बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, जमानत और मृत्युदंड जैसे मामले हो सकते हैं।

Matters shown in the final cause lists of miscellaneous matters & regular hearing matters for 22nd April and matters shown in the final lists of Registrar's Court and Chambers Matters for 22nd and 23rd April won't be taken up for hearing & the same stand adjourned: Supreme Court

— ANI (@ANI) April 21, 2021

कोरोना से निपटने के लिए और उसका प्रसार रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ कड़े कदम भी उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश करने वालों को आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा था। पिछले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट के 40 से ज्यादा कर्मचारी पाजिटिव पाए जा चुके हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एमआर शाह के सरकारी आवास के सभी कर्मचारी कोरोना जांच में पाजिटिव पाए गए है।

बता दें कि परिसर में कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से ही  सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह वर्चुअल हो गया था। सिर्फ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये ही कोर्ट सुनवाई कर रहा है और किसी भी तरह की फिजिकल मेंशनिंग (शारीरिक रूप से उपस्थिति) आदि बंद कर दी गई है। इतना ही नहीं न्यायाधीश भी कोर्ट आने के बजाए घर से ही मुकदमों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई कर रहे हैं।

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