SC में केंद्र ने दी जानकारी, कहा- अब दिल्ली के पास है अतिरिक्त ऑक्सीजन, अन्य राज्यों में भी बढ़ी मांग

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुनवाई शुरू कर दी गई। आज केंद्र की ओर से यह ब्यौरा दिया जाना है कि दिल्ली के अस्पतालों में किस तरह ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाएगा।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:43 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 03:04 PM (IST)
SC में केंद्र ने दी जानकारी, कहा- अब दिल्ली के पास है अतिरिक्त ऑक्सीजन,  अन्य राज्यों में भी बढ़ी मांग
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली में आक्सीजन की कमी पर सुनवाई शुरू

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को ऑक्सीजन किल्लत को लेकर सुनवाई शुरू की गई। केंद्र सरकार ने कोर्ट को दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर जानकारी दी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि बीते दिन दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। इससे पहले भी दिल्ली को 585 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई थी। सॉलिसीटर जनरल ने कहा, 'कल दिल्ली को 730.7 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिला। दिल्ली के पास अब अतिरिक्त सप्लाई है। यदि हम दिल्ली को ज़्यादा सप्लाई देते रहेंगे तो दूसरे राज्यों को दिक्कत हो सकती है।'

दिल्ली के वकील राहुल मेहरा ने पहले सोमवार तक मामले की सुनवाई टालने की अपील की और फिर कहा,' केंद्र कहता है कि अब मेडिकल ऑक्सीजन बनाने का काम उद्योग भी कर रहा है। देश में पर्याप्त ऑक्सीजन है। इसके बाद दिल्ली को 700 मीट्रिक टन देने से दूसरे राज्यों का 200 मीट्रिक टन कम क्यों करना पड़ रहा है? केंद्र ने बिना आंकड़ा दिए ऐसी बात कही। उनसे लिखित हलफनामा लीजिए। हम जवाब देंगे।'

इस बीच कोर्ट ने सवाल किया कि क्या दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता है। कोर्ट पहली भी आदेश दे चुकी है कि 3 मई तक केंद्र को ऑक्सीजन का बफर स्टॉक तैयार रखना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि स्टॉक रहने पर हालात पैनिक नहीं बनेंगे।  कोर्ट में स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने जानकारी दी कि दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए कुल टैंकरों का 53 फीसद हिस्सा लगाया गया है, 6 कंटेनरों को लगाया गया है। अगले कुछ दिनों में इनकी संख्या 24 हो जाएगी।

केंद्र ने कोर्ट को जानकारी दी कि दिल्ली के छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई में की गई देरी का जिक्र किया, जिसके कारण एक सीनियर डॉक्टर की मौत हो गई। कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन आवंटन के फार्मूले में सुधार की जरूरत बताई।

बुधवार रात दिल्ली के 56 अस्पतालों का मुआयना हुआ। ऑक्सीजन पहुंचने में देरी का कारण केवल टैंकर ही थे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को बुधवार रात 12 बजे तक 700 टन आक्सीजन की सप्लाई करने की जानकारी देने का आदेश दिया था। सर्वे के अनुसार, दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का जरूरी स्टॉक मौजूद है। आज 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर ट्रेन  भी आ रही है। साथ ही केंद्र ने कोर्ट को यह भी बताया कि दिल्ली के अलावा अनेकों राज्य है जहां ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है। इनमें राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर आदि राज्य शामिल हैं। 

उल्लेखनीय है कि बुधवार को सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश के मुताबिक, दिल्ली में 700 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करे। केंद्र सरकार को आज सुबह तक कोर्ट को इस बात की जानकारी देनी थी कि वह कैसे यह आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति के आदेश पर अमल न होने पर अधिकारियों के खिलाफ जारी दिल्ली हाई कोर्ट के अवमानना नोटिस पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि रात दिन काम मे लगे अधिकारियों पर अवमानना कार्यवाही करने। उन्हें जेल भेजने से ऑक्सीजन नही आ जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये संकट का समय है सभी को मिलकर काम करना होगा।

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