लॉकडाउन के चलते परेशान हुए प्रवासी मजदूरों को ईएसआइ और ईपीएफ के दायरे में लाने का सुझाव

सरकारी अधिकारियों द्वारा कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दों पर बुधवार को पैनल को जानकारी दी जाएगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 08:17 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 08:17 PM (IST)
लॉकडाउन के चलते परेशान हुए प्रवासी मजदूरों को ईएसआइ और ईपीएफ के दायरे में लाने का सुझाव
लॉकडाउन के चलते परेशान हुए प्रवासी मजदूरों को ईएसआइ और ईपीएफ के दायरे में लाने का सुझाव

नई दिल्ली, प्रेट्र। लॉकडाउन के चलते बुरी तरह से परेशान हुए प्रवासी कामगारों को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के दायरे में लाने के लिए श्रम मामलों पर संसदीय पैनल ने कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या और मजदूरी के मानदंडों को खत्म करने का सुझाव दिया है।

ईएसआइ और ईपीएफ कर्मचारियों और कामगारों के लिए स्व-वित्तपोषित कल्याणकारी योजना

बीजू जनता दल (बीजेडी) सांसद भर्तुहरी महताब की अध्यक्षता वाले पैनल ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए उन्हें इन योजनाओं के दायरे में लाने का समर्थन किया है। ईएसआइ और ईपीएफ कर्मचारियों और कामगारों के लिए स्व-वित्तपोषित कल्याणकारी योजना हैं।

ईएसआइ योजना के तहत 21 हजार रुपये प्रति माह कमाने वाले कर्मचारी आते हैं

ईएसआइ योजना के तहत 21 हजार रुपये प्रति माह कमाने वाले कर्मचारी आते हैं। ईएसआइ में उनका योगदान 1.75 फीसद होता है और उनके नियोक्ता की तरफ से 4.75 फीसद योगदान किया जाता है। यह योजना उन कंपनियों पर लागू होती है जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

ईपीएफ योजना में मूल वेतन का 12 फीसद नियोक्ता और उतना ही कर्मचारी का योगदान होता है

इसी तरह ईपीएफ योजना उन कंपनियों पर लागू होती है जहां 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और 15 हजार रुपये प्रति महीने से कम कमाते हैं। इस योजना के तहत मूल वेतन का 12 फीसद नियोक्ता और उतना ही कर्मचारी की तरफ से योगदान दिया जाता है। कुल रकम को एक खाते में जमा किया जाता है, जिसका संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) करता है और उस पर ब्याज देता है जिसका निर्धारण हर तीन महीने में किया जाता है।

कोरोना के चलते लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित कामगारों को राहत पहुंचाने की कवायद

महताब ने कहा कि पैनल के सदस्यों की यह राय है कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए, खासकर लॉकडाउन के बाद। विभिन्न भागीदारों और पैनल के सदस्यों का यह विचार है कि प्रवासी मजदूरों और कामगारों तक इन दोनों योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए न्यूनतम कर्मचारियों और मजदूरों के सीमा को खत्म किया जाना चाहिए।

मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की अहमियत होनी चाहिए

उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की अहमियत होनी चाहिए। सरकारी अधिकारियों द्वारा कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दों पर बुधवार को पैनल को जानकारी दी जाएगी। इस बैठक के दौरान ईएसआइ और ईपीएफ का यह मुद्दा भी उठ सकता है।

chat bot
आपका साथी