उत्तर प्रदेश को छोड़ बाकी राज्यों में चीनी उत्पादन की रफ्तार धीमी

एरियर भुगतान में मिलों को मिल सकती है सहूलियत। 15 लाख टन चीनी निर्यात का सौदा हुआ पक्का।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 08:36 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 08:36 AM (IST)
उत्तर प्रदेश को छोड़ बाकी राज्यों में चीनी उत्पादन की रफ्तार धीमी
उत्तर प्रदेश को छोड़ बाकी राज्यों में चीनी उत्पादन की रफ्तार धीमी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चालू पेराई सीजन में उत्तर प्रदेश को छोड़ बाकी राज्यों में चीनी उत्पादन की रफ्तार बहुत धीमी है। यही वजह है कि पिछले साल के मुकाबले चीनी का उत्पादन बहुत कम हुआ है। कम उत्पादन का अनुमान और चीनी निर्यात सौदा पक्का होने का असर घरेलू चीनी बाजार पर पड़ना तय है।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के जारी आंकड़ों के मुताबिक 30 नवंबर तक चालू सीजन (2019-20) में एक सौ से ज्यादा चीनी मिलों में पेराई चालू ही नहीं हो सकी है। यही वजह है कि पिछले साल के मुकाबले इस अवधि में मात्र 18.85 लाख टन चीनी का उत्पादन हो पाया है। जबकि पिछले साल की इस अवधि तक 41 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। इसकी वजह बड़ी संख्या में चीनी मिलें पेराई शुरु नहीं कर पा रही हैं। पिछले साल (2018) में इस अवधि तक 418 मिलों में पेराई चालू हो गई थी, जबकि इस बार अभी तक केवल 279 मिलों में चीनी का उत्पादन होना शुरु हुआ है।

उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 111 मिलों में पेराई हो रही है, जिससे अब तक 10.81 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। जबकि पिछले साल राज्य में अब तक 105 मिलों में ही पेराई शुरु हो सकी थी, जिससे 9.14 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इसके मुकाबले चीनी उत्पादन में दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में 30 नवंबर तक 43 मिलों में केवल 67 हजार टन चीनी का उत्पादन हो सका है, जबकि पिछले साल अब तक 175 मिलें खुल गई थीं। इनमें कुल 18.89 लाख टन चीनी का उत्पादन हो गया था।

कर्नाटक की 61 मिलों में चालू सीजन में पेराई चल रही है, जिससे वहां 5.21 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। पिछले साल यहां 63 मिलों में पेराई शुरु हो गई थी, जिससे 8.40 लाख टन चीनी का उत्पादन हो गया था। गुजरात में पिछले साल जहां 16 मिलों ने दो लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया था, वहीं चालू सीजन में 14 मिलें चल रही है, जिनमें 75 हजार टन चीनी का उत्पादन हो सका है।

चीनी बाजार के सूत्रों की मुताबिक 15 लाख टन चीनी का निर्यात सौदा पक्का हो चुका है। यह चीनी ईरान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों में जा रही है। उद्योग सूत्रों के मुताबिक 30 नवंबर तक देश के सभी गन्ना उत्पादक राज्यों में किसानों का बकाया 8000 करोड़ रुपये है। माना जा रहा है कि चीनी मूल्य में सुधार होने से एरियर का भुगतान करने में आसानी होगी।

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