क्‍या कोवैक्‍सीन में है नवजात बछड़े का सीरम, केंद्र सरकार ने कहा- तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए तथ्‍य

इन दिनों सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस रोधी टीके कोवैक्‍सीन को लेकर एक पोस्‍ट वायरल हो रहा है। इस पोस्‍ट में कोवैक्‍सीन में बछड़े का सीरम होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इससे इन्‍कार किया है।

By TilakrajEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 02:11 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 02:31 PM (IST)
क्‍या कोवैक्‍सीन में है नवजात बछड़े का सीरम, केंद्र सरकार ने कहा- तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए तथ्‍य
सोशल मीडिया पोस्‍ट में कोवैक्‍सीन में गाय के बछड़े का सीरम होने का दावा किया जा रहा

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारत में कोरोना वैक्‍सीन को लेकर लोगों के मन में बहुत से भ्रम आज तक हैं। ये भ्रम आमतौर पर सोशल मीडिया पोस्‍ट के जरिए फैलाए जाते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस रोधी टीके कोवैक्‍सीन को लेकर एक पोस्‍ट वायरल हो रहा है। इस पोस्‍ट में कोवैक्‍सीन में नवजात बछड़े का सीरम होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इससे इन्‍कार किया है।

इस बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस रोधी टीके कोवैक्‍सीन(COVAXIN) की कॉम्पज़िशन (संरचना) के संबंध में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रहे हैं। इस वायरल पोस्‍ट में यह कहा जा रहा है कि कोवैक्‍सीन के कॉम्पज़िशन में नवजात बछड़े का सीरम मिलाया गया है। इस पोस्‍ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।

मंत्रालय की ओर से बताया गया कि नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग केवल वेरो कोशिकाओं की तैयारी और वृद्धि के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है। गोजातीय और अन्य जानवरों से प्राप्त सीरम मानक संवर्धन घटक हैं, जिनका उपयोग विश्व स्तर पर वेरो सेल के विकास के लिए किया जाता है। वेरो कोशिकाओं का उपयोग कोशिका जीवन को स्थापित करने के लिए किया जाता है, जो टीकों के उत्पादन में मदद करते हैं। पोलियो, रेबीज और इन्फ्लूएंजा के टीके विकसित करने में इस तकनीक का उपयोग दशकों से किया जा रहा है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि वीरो सेल्स के विकास के बाद उन्हें कई बार पानी एवं केमिकल से साफ किया जाता है। इस प्रक्रिया में वीरो सेल्स से बछड़े के सीरम दूर हो जाता है। इसके बाद वायरल ग्रोथ के लिए वीरो सेल्स को कोरोना वायरस के साथ संक्रमित किया जाता है। वायरल ग्रोथ के दौरान वीरो सेल्स पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। इस प्रक्रिया से उत्पन्न वायरस नष्ट हो जाते हैं। इसके बाद मरे हुए वायरस का इस्तेमाल फाइनल वैक्सीन बनाने में किया जाता है।

मंत्रालय ने साफ किया कि अंतिम टीके की सामग्री में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल नहीं होता है। सोशल मीडिया में इस तरह की चर्चा हो रही है कि कोरोना टीकों के निर्माण में गोवंश या जानवरों के सीरम का इस्तेमाल हो रहा है, ये बिल्‍कुल गलत है। तथ्‍यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। कोरोना वैक्सीन निर्माण की अंतिम प्रक्रिया में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल नहीं होता है।

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