स्पेस के क्षेत्र में एक और छलांग, देश के पहले निजी रॉकेट इंजन 'रमण' का सफल परीक्षण
हैदराबाद के स्टार्टअप स्काईरूट ने देश के पहले निजी रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण किया है। इस रॉकेट इंजन का नाम रमण रखा गया है।
हैदराबाद, पीटीआइ। हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) ने ऊपरी चरण के रॉकेट इंजन का हैदराबाद में सफल परीक्षण किया है। इस रॉकेट इंजन का नाम रमण रखा गया है। यह इंजन कई उपग्रहों को एक ही बार में अलग-अलग कक्ष में स्थापित कर सकता है। स्काईरूट के सह-संस्थापक पवन कुमार चंदाना ने कहा कि हमने भारत के पहले सौ फीसद थ्री डी-प्रिंटेड बाय-प्रोपेलेंट तरल रॉकेट इंजन इंजेक्टर का परीक्षण किया।
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation, ISRO) के पूर्व वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित स्काईरूट भारत का पहला निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान बना रही है। परीक्षण से पहले कंपनी ने इस रॉकेट के बारे में काफी गोपनीयता बरती थी। पवन कुमार चंदाना ने बताया कि पारंपरिक विनिर्माण की तुलना में इस इंजन कुल द्रव्यमान 50 फीसद कम है। इस रॉकेट में कुल घटकों की संख्या भी कम है और इसका लीड टाइम 80 फीसद ज्यादा है।
स्काईरूट का यह भी दावा है कि यह इंजन कई बार चालू हो सकता है। इसकी इसी खूबी के चलते यह एक ही मिशन में कई उपग्रहों को कई कक्षाओं में स्थापित करने में समर्थ है। पवन कुमार चंदाना ने बताया कि कंपनी के दो रॉकेट छह महीनों में प्रक्षेपण के लिए तैयार हो जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह कि इस स्टार्टअप ने अब तक 31.5 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। साल 2021 से पहले इसका लक्ष्य 90 करोड़ रुपये जुटाने का है।
स्काईरूट के सह संस्थापक एवं चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर नागा भारत (Naga Bharath Daka) ने बताया कि रॉकेट की लॉन्चिंग के लिए हमने खुद अपना सॉफ्टवेयर विकसित किया है। इसके लिए नेविगेशन, कंट्रोल फंशन और ऑनबोर्ड एवियोनिक्स मॉड्यूल का परीक्षण भी प्रगति पर है। कंपनी दिसंबर 2021 में अपनी पहली लॉन्चिंग को लेकर तैयारियां कर रही है। कंपनी ने अपने पहला लॉन्च वेहिकिल का नाम विक्रम-1 (Vikram-I) रखा है।
विक्रम-1 (Vikram-I) का निर्माण कार्य जारी है। इसकी लॉन्चिंग के लिए दिसंबर 2021 का लक्ष्य रखा गया है। नागा भारत (Naga Bharath Daka) ने कहा कि भारत में पहली बार निजी क्षेत्र के तौर पर हमने उपग्रहों की लॉन्चिंग के लिए लिक्विड इंजन का सफल परीक्षण किया है। कंपनी के दो रॉकेट चरण छह महीने में परीक्षण के लिए तैयार हो रहे हैं। कंपनी आने वाले दिनों में कई लॉन्चिंगों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएगी। कंपनी इसके लिए इसरो लॉन्चिंग रेज की मदद लेने के लिए भी बातचीत कर रही है।