Goa Blast Case : गोवा विस्फोट साजिश मामले में सनातन संस्था के छह सदस्य निर्दोष करार

16 अक्टूबर 2009 को सनातन संस्था के दो सदस्यों मलगोंडा पाटिल और योगेश नाइक की एक दीवाली पंडाल में हुए विस्फोट में मृत्यु हो गई थी।

By Tilak RajEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 06:06 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 06:06 AM (IST)
Goa Blast Case : गोवा विस्फोट साजिश मामले में सनातन संस्था के छह सदस्य निर्दोष करार
Goa Blast Case : गोवा विस्फोट साजिश मामले में सनातन संस्था के छह सदस्य निर्दोष करार

मुंबई, राज्य ब्यूरो। गोवा में विस्फोट की साजिश मामले में बॉम्‍बे हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने शनिवार को सनातन संस्था (गोवा मुख्यालय) के छह सदस्यों को निर्दोष करार दिया। इससे पहले विशेष अदालत भी इन सभी लोगों को निर्दोष बता चुकी है। सनातन संस्था ने हाई कोर्ट के फैसले को भगवा आतंकवाद का मिथ्या प्रचार करने वालों के मुंह पर करारा थप्पड़ बताया है।

16 अक्टूबर, 2009 को सनातन संस्था के दो सदस्यों मलगोंडा पाटिल और योगेश नाइक की एक दीवाली पंडाल में हुए विस्फोट में मृत्यु हो गई थी। शुरुआत में इस मामले की जांच गोवा पुलिस ने की थी, जिसने इसे आइईडी द्वारा हुआ विस्फोट मानते हुए सनातन संस्था, गोवा के छह सदस्यों को आरोपित बनाया था। बाद में इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप दी गई थी। इस मामले में 11 व्यक्तियों पर विस्फोट की साजिश में शामिल होने का आरोप लगा था, जिसमें दो मृतक भी शामिल थे। तीन व्यक्ति अभी भी फरार हैं।

इससे पहले गोवा की विशेष अदालत ने एनआइए पर सनातन संस्था के छह लोगों को फंसाने के लिए तथ्यों में हेरफेर करने का आरोप लगाते हुए विनय तलेकर, धनंजय आष्टेकर, प्रशांत आष्टेकर, विनायक पाटिल, प्रशांत जुवेकर और दिलीप मझगांवकर को निर्दोष करार दिया था। विशेष अदालत के फैसले को एनआइए ने हाई कोर्ट में चुनौती थी। एनआइए के वकील प्रवीण फलदेसाई ने हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद कहा कि हम गोवा और पूरे भारत में आतंक फैलाने के लिए इस विस्फोट को अंजाम देने के सनातन संस्था के मकसद को साबित करना चाहते थे, लेकिन अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपितों को बरी कर दिया।

वहीं, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मडगाव विस्फोट प्रकरण में सनातन संस्था के छह निर्दोष साधकों को फंसाने का प्रयत्न गोवा की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किया था। चार वर्ष अकारण कारावास भोगने के पश्चात विशेष अदालत ने इन सभी साधकों को दोष मुक्त किया था। इससे संबंधित अपील पर सुनवाई करते समय बांबे हाई कोर्ट की गोवा खंडपीठ ने निर्णय कायम रखा। हम न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत करते हैं।

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