दिल्ली में लॉकडाउन से जांजगीर में बिगड़ने लगे हालात, 1.06 लाख मजदूर फिर वापसी को कतार में
संक्रमण को लेकर ज्यादा डर इसलिए भी है क्योंकि संक्रमण की दूसरी लहर को ज्यादा घातक माना जा रहा है। इस बार ट्रेन की सुविधा होने से श्रमिक भी बिना बाधा के पहुंच रहे हैं। अब तक ढाई सौ श्रमिक विभिन्न राज्यों से लौट चुके हैं।
जांजगीर-चांपा [डा. कोमल शुक्ला]। दिल्ली में लॉकडाउन का छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में भी इसका असर दिखने लगा है। यहां एक लाख छह हजार श्रमिक फिर वापसी के लिए कतार में हैं। जिले में पिछले साल विभिन्न राज्यों से लौटे एक लाख 13 हजार श्रमिकों में से अधिकांश कोरोना संक्रमित थे, जिनके संपर्क में आने से अचानक ही जिले में हालात बेकाबू हो गए थे। लिहाजा इस बार भी उसी आशंका को लेकर अधिकारियों से लेकर स्थानीय अमले और आम लोगों में डर साफ देखा जा रहा है। इन सबके बीच जिला पंचायत की ओर से गांव-गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
संक्रमण को लेकर ज्यादा डर इसलिए भी है, क्योंकि संक्रमण की दूसरी लहर को ज्यादा घातक माना जा रहा है। इस बार ट्रेन की सुविधा होने से श्रमिक भी बिना बाधा के पहुंच रहे हैं। अब तक ढाई सौ श्रमिक विभिन्न राज्यों से लौट चुके हैं। इनमें आंध्र प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के श्रमिक अधिक हैं। जिले के श्रमिक जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में कमाने-खाने गए हैं। श्रम विभाग ने वापस आ रहे श्रमिकों की जानकारी लेने स्टेशनों में विभाग के इंस्पेक्टरों व अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी स्टेशनों में उनकी जांच कर रहे हैं। श्रमिकों को संबंधित पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है।
विभिन्न पंचायतों में 1061 क्वारंटाइन बनाए गए हैं।
जनपद पंचायत क्वारंटाइन सेंटर संभावित श्रमिकों की संख्या
अकलतरा 57 15,000
बलौदा 162 8,500
बम्हनीडीह 60 8,500
डभरा 190 10,500
पामगढ़ 98 15,000
नवागढ़ 116 12,000
जैजैपुर 173 1,8000
सक्ती 96 6,500
मालखरौदा 109 12,000
योग 1,061 1,06,000
जांजगीर-चांपा के सीईओ गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया, 'जिले में पिछले वर्ष जो श्रमिक लौटे थे उस आधार पर इस साल भी उनकी वापसी की संभावना है। उसी आधार पर तैयारी की गई है। आंकड़े कुछ कम, ज्यादा भी हो सकते हैं।'