Indian Railway: महाराष्ट्र में लॉकडाउन के संकेत, क्या फिर से चलेगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ? जानिए- भारतीय रेलवे ने क्या कहा?

महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच कई प्रवासी मजदूर राज्य में एक दूसरे लॉकडाउन की आशंका जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर हो रही वायरल खबर के मुताबिक लॉकडाउन के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों संचालन की योजना बनाई है।जानें- रेलवे ने क्या कहा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 12:39 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 03:07 PM (IST)
Indian Railway: महाराष्ट्र में लॉकडाउन के संकेत, क्या फिर से चलेगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ? जानिए- भारतीय रेलवे ने क्या कहा?
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने चलाई थी श्रमिक स्पेशल ट्रेन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी।  लॉकडाउन लागू होने की आशंका से घबराए प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला एक बार फिर से शुरू हो गया है। रेल और सड़क मार्ग से भारी संख्या में मजदूर वापस आ रहे हैं। मुंबई से आने वाली ट्रेनें प्रवासी श्रमिकों से भरकर चल रही हैं। महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच, कई प्रवासी मजदूर राज्य में एक दूसरे लॉकडाउन की आशंका जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर हो रही वायरल खबर के मुताबिक, लॉकडाउन के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) के संचालन की योजना बनाई है। हालांकि, भारतीय रेलवे के सेंट्रल रेलवे जोन जिसका मुख्यालय मुंबई में है, ने कहा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की कोई योजना नहीं है।

सेंट्रल रेलवे ने ट्वीट कर बताया कि रेल प्रशासन के संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया में कुछ गलत जानकारी फैलायी जा रही है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। अतः यह स्पष्ट किया जाता है कि ‘ऐसी कोई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ‘ नहीं चलाई जा रहीं हैं, ना ही चलाने की कोई योजना है। रेलवे केवल गर्मियों में स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। कृपया अफवाहों के बहकावे में न आएं।

गलत सूचना का फैक्टचेक

रेल प्रशासन के संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया में कुछ गलत जानकारी फैलायी जा रही है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

अतः यह स्पष्ट किया जाता है कि 'ऐसी कोई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ' नहीं चलाई जा रहीं हैं ना ही चलाने की कोई योजना है। 1/3— Central Railway (@Central_Railway) April 10, 2021

पिछले साल लॉकडाउन में चलाई थी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने कुल 4,615 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया था, जो पिछले साल कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान 63 लाख से अधिक लोगों को घर ले गई थी। बता दें कि रेलवे ने पिछले साल 1 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेंने चलाई थी ताकि हजारों की संख्या में फंसे हुए प्रवासियों को उनके घर भेजा जा सके।

चल रही है स्पेशल ट्रेनें

रेलवे गर्मियों में केवल स्पेशल ट्रेनें और नियमित स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। रेलवे लोगों से अपील करता है कि वे उपरोक्त संबंध में किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। केवल कन्फर्म टिकट धारकों को ही इन स्पेशल ट्रेनों में बोर्डिंग की अनुमति है।

वेटिंग बढ़ने पर स्पेशल ट्रेन चलाएगा रेलवे

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन की आशंका के बीच रेलवे की तरफ से बड़ी घोषणा की गई है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सुनीत शर्मा ने कहा है कि फिलहाल ट्रेनों का परिचालन बंद नहीं होगा। सुरक्षा और कोरोना गाइडलाइंस का पूरा ध्यान रखते हुए ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि जहां वेटिंग लिस्ट 120 फीसदी के आसपास होगी वहां भीड़ कम करने के लिए खास ट्रेनें चलाई जाएंगी। शर्मा का कहना है कि कुछ शहरों को छोड़कर बाकी कहीं भी ट्रेनों में भीड़ नहीं है।

ट्रेनों में पांव रखने की जगह नहीं

महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे सहित दक्षिण भारत के बेंगलुर जैसे शहरों से उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनें खचाखच भरी हैं। मध्य प्रदेश के बीना और इटारसी स्टेशनों से गुजरने वाली इन ट्रेनों के आरक्षित कोच में भी पांव रखने तक की जगह नहीं है। शनिवार को मुंबई से फिरोजपुर जा रही पंजाब मेल, मुंबई से गोरखपुर जा रही कुशीनगर एक्सप्रेस, पुणे से जम्मू तवी जा रही झेलम एक्सप्रेस सहित सभी ट्रेनों में यही स्थिति दिखाई दी। भोपाल के एडीआरएम गौरव सिंह कहते हैं, लाकडाउन के डर से लोग अपने घरों को लौट रहे हैं। बिहार के दानापुर जा रहे युवक शेखर यादव ने कहा कि काम की तलाश में बेंगलुर दोस्तों के साथ गए थे, अब लाकडाउन के कारण गांव के अधिकांश युवा वापस जा रहे हैं।

10 दिनों के अंदर 94 जोड़ी ट्रेनें अतिरिक्त चलाई गईं

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सुनीत शर्मा ने कहा कि जहां वेटिंग लिस्ट 120 फीसदी के आसपास होगी वहां भीड़ कम करने के लिए खास ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि पिछले 10 दिनों के अंदर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की 94 जोड़ी ट्रेनें अतिरिक्त चलाई गईं हैं जबकि देश में और 196 पैसिंजर ट्रेनें भी शुरू की गई हैं। केवल गोरखपुर, पटना, दरभंगा, वाराणसी, गुहाटी, बरौनी, प्रयागराज, बोकारो, लखनऊ और रांची के लिए ज्यादा ट्रेनों की मांग है।

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