मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण से बिगड़ रहे हालात, राज्य के बड़े शहरों के श्मशान घाटों में लकड़ी का टोटा
मध्य प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते स्थिति बिगड़ती जा रही है। सरकारी और निजी अस्पताल मरीजों से भर गए हैं। वहीं दूसरी ओर भोपाल जबलपुर समेत कई बड़े शहरों के श्मशान घाटों में शवदाह के लिए लकड़ी का भी टोटा पड़ रहा है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते स्थिति बिगड़ती जा रही है। सरकारी और निजी अस्पताल मरीजों से भर गए हैं। वहीं दूसरी ओर श्मशानों में शवदाह के लिए जगह नहीं बची है। भोपाल, जबलपुर समेत कई बड़े शहरों के श्मशान घाटों में शवदाह के लिए लकड़ी का भी टोटा पड़ रहा है। जिन श्मशान घाटों में सामान्य दिनों में एक महीने में एक हजार क्विंटल लकड़ी लगती थी, वहां अब ढाई से तीन हजार क्विंटल की जरूरत पड़ रही है।
श्मशान घाट ट्रस्ट की मांग पर भोपाल के लिए रायसेन और नर्मदापुरम (होशंगाबाद) से लकड़ी मांगी गई थी लेकिन नर्मदापुरम के वन अधिकारियों ने यह कहते हुए असमर्थता जता दी कि हमारे जिले में भी मामले बढ़ रहे हैं। अब भोपाल से करीब 257 किलोमीटर दूर खंडवा से लकड़ी लाकर राजधानी के श्मशान घाटों में शवदाह किया जा रहा है।
राजधानी में वन विभाग ने एक महीने में 2,500 क्विंटल लकड़ी उपलब्ध कराई है, वहीं करीब 500 क्विंटल लकड़ी का इंतजाम अन्य माध्यमों से किया गया है। जबलपुर में भी ऐसे ही हालात हैं। वहां करीब चार सौ क्विंटल लकड़ी मंडला और डिंडौरी से मंगाई गई। इंदौर में भी हालात चिंताजनक बताए जाते हैं।
हालांकि वन विभाग के पास लकड़ी की खपत के आंकड़े नहीं हैं। वन विभाग ने प्रदेश भर में अपने मैदानी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दाह संस्कार के लिए कहीं से भी लकड़ी का इंतजाम कराएं। भोपाल वनवृत्त के मुख्य वनसंरक्षक रविन्द्र सक्सेना बताते हैं कि भोपाल के सभी श्मशान घाटों से लकड़ी की मांग आ रही है। हमने रायसेन, नर्मदापुरम से लकड़ी मांगी थी, पर नहीं मिल सकी।
भोपाल में अब तक खंडवा, रायसेन और भोपाल के लकड़ी डिपो से 450 फड़ी (2,500 क्विंटल) लकड़ी आ चुकी है। यह सिलसिला जारी है। भोपाल के वन बल प्रमुख राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि लकड़ी की मांग पूरे प्रदेश से आ रही है। सभी मैदानी अधिकारियों को दाह संस्कार के लिए हर हाल में लकड़ी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उत्पादन शाखा ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।