जब पटरी पर दौड़ा 'शेषनाग', 2.8 किमी लंबी ट्रेन चलाकर रेलवे ने रचा इतिहास; जानिए और क्या रही खासियत

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर डिवीजन की इस पहल के तहत शेषनाग को परमलकासा स्टेशन से दिन में 1220 बजे रवाना किया गया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 01:44 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 01:48 AM (IST)
जब पटरी पर दौड़ा 'शेषनाग', 2.8 किमी लंबी ट्रेन चलाकर रेलवे ने रचा इतिहास; जानिए और क्या रही खासियत
जब पटरी पर दौड़ा 'शेषनाग', 2.8 किमी लंबी ट्रेन चलाकर रेलवे ने रचा इतिहास; जानिए और क्या रही खासियत

नई दिल्ली, आइएएनएस। रेलवे ने पटरी पर 2.8 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी चलाकर गुरुवार को नया कीर्तिमान रच दिया। भारतीय रेल के इतिहास में अब तक की सबसे लंबी इस मालगाड़ी को 'शेषनाग' नाम दिया गया। इसमें चार रैक के कुल 251 खाली डिब्बे और उन्हें खींचने के लिए चार इलेक्टि्रक इंजन लगाए गए।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर डिवीजन की इस पहल के तहत 'शेषनाग' को परमलकासा स्टेशन से दिन में 12:20 बजे रवाना किया गया। इसमें 58 डिब्बों वाली तीन रैक व 59 डिब्बों वाली एक रैक को जोड़ा गया था। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की पहल से मालगाडि़यों की आवाजाही में समय की बचत होगी।

इससे पहले भारतीय रेलवे बिलासपुर से चक्रधरपुर डिवीजन के बीच 'सुपर अनाकोंडा' का संचालन कर चुका है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 30 जून को तीन मालगाडि़यों को जोड़कर ऐसा किया था। इन ट्रेनों में 1,500 टन सामग्री लदी हुई थी। इसकी 177 बोगियों को खींचने के लिए 6,000 एचपी वाले तीन इलेक्टि्रक इंजनों को लगाया गया था। इसी साल अप्रैल में रेलवे ने भिलाई से कोरबा के बीच तीन मालगाडि़यों को जोड़ते हुए दो किलोमीटर लंबा 'अनाकोंडा' नामक ट्रेन का संचालन किया था। इस तकनीक को डिस्टि्रब्यूटेड कंट्रोल सिस्टम (डीपीसीएस) कहा जाता है, जिसमें पहला इंजन पूरी ट्रेन को नियंत्रित करता है। बाकी के इंजन बोगियों को खींचने का काम करते हैं।

भारतीय रेलवे ने बनाया एक और रिकॉर्ड 

वहीं, दूसरी ओर भारतीय रेलवे ने नया रिकॉर्ड बनाया है। एक समय अपनी लेटलतीफी के लिए मशहूर भारतीय रेलवे की ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चल रही हैं। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि रेलवे की 100 फीसद ट्रेनें समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचीं। रेलवे द्वारा 1 जुलाई को चलाई गई सभी 201 ट्रेनें निर्धारित समय पर अपने गंतव्य पहुंचीं। इससे पहले एक ट्रेन के देरी से चलने के कारण 23 जून को भारतीय रेलवे की पंक्चुएलिटी दर 99.54 फीसद थी। 

इसके साथ ही भारतीय रेलवे अपनी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर भी जोर दे रहा है। दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से हावड़ा तक दो मार्गों पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ट्रेनों को चलाने की तैयारी हो रही है। इसका मकसद कम समय में तेजी से यात्रियों की आवाजाही सुनिश्चित करना है।

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