कैंसर को समझने के लिए नैनोमोटर्स का उपयोग कर रहे हैं वैज्ञानिक, थ्री-डी ट्यूमर मॉडल किया गया उपयोग

कोशकीय वातावरण की समझ विकसित करने उसकी मैपिंग और उसमें होने वाले बदलावों के निर्धारण के लिए शोधकर्ताओं ने ट्यूमर मॉडल और बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के माध्यम से चलने वाले नैनोमोटर्स को दूरस्थ रूप से संचालित किया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 06:35 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:35 PM (IST)
कैंसर को समझने के लिए नैनोमोटर्स का उपयोग कर रहे हैं वैज्ञानिक, थ्री-डी ट्यूमर मॉडल किया गया उपयोग
यह अध्ययन कोशिकाओं को लक्ष्य बनाने के नए तरीके पर प्रकाश डालता है।

नई दिल्ली, आइएसडब्ल्यू। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लेकर, कृषि, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नैनो तकनीक अपनी छाप छोड़ रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आइआइएससी), बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने एक अनोखे प्रयास में कोशिकाओं के सूक्ष्म वातावरण के अध्ययन के लिए थ्री-डी ट्यूमर मॉडल और चुंबकीय रूप से संचालित नैनोमोटर्स का उपयोग किया है। नैनोमोटर्स उन आणविक मशीनों को कहते हैं, जो रासायनिक ऊर्जा का उपयोग करके अणुओं में भौतिक गति उत्पन्न करती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन कैंसर की प्रगति को समझने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

कोशकीय वातावरण की समझ विकसित करने, उसकी मैपिंग और उसमें होने वाले बदलावों के निर्धारण के लिए शोधकर्ताओं ने ट्यूमर मॉडल और बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के माध्यम से चलने वाले नैनोमोटर्स को दूरस्थ रूप से संचालित किया है।

कोशिकाओं को लक्ष्य बनाने के नए तरीके पर डालता है प्रकाश

आइआइएससी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह अध्ययन ट्यूमर कोशिकाओं के भीतर नैनोमोटर्स के उपयोग से कैंसर कोशिकाओं को लक्ष्य बनाने के नए तरीके पर प्रकाश डालता है। आइआइएससी के शोधकर्ता देबायन दासगुप्ता ने बताया, 'हमने ट्यूमर मॉडल में कैंसर कोशिकाओं की ओर नैनोमोटर्स को चलाने की कोशिश की और उन्हें कैंसर कोशिकाओं के पास मैट्रिक्स से चिपके हुए देखा, लेकिन यह सामान्य कोशिकाओं के पास नहीं देखा गया।'

बाह्य कोशिका मैट्रिक्स (ईसीएम), जीवित कोशिकाओं द्वारा उनके आसपास स्त्रावित होने वाले प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का एक जटिल थ्री-डी नेटवर्क है। हालांकि, जब कैंसर कोशिकाएं ईसीएम में ताजा सामग्री का स्त्राव करती हैं, तो स्थानीय परिवेश प्रभावित होता है और स्वस्थ कोशिकाओं के आसपास की रासायनिक तथा भौतिक संरचना बाधित होती है।

कैंसर की प्रगति को समझने है महत्वपूर्ण

शोधकर्ताओं का कहना है कि कैंसर कोशिकाओं के कारण सूक्ष्म कोशकीय वातावरण कैसे परिवर्तित होता है, इसके बारे में यह अध्ययन एक समझ विकसित करने में मददगार हो सकता है। इसके साथ ही, इन परिवर्तनों को मात्रात्मक रूप से मापना कैंसर की प्रगति को समझने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

अध्ययन में पता चला है कि जैसे ही नैनोमोटर्स कैंसर कोशिका झिल्ली के पास पहुंचते हैं तो वे सामान्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक मजबूती से मैट्रिक्स से चिपक जाते हैं। नैनोमोटर्स, मैट्रिक्स से कितनी मजबूती से चिपकते हैं, इसे मापने के लिए, शोधकर्ताओं ने चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव का आकलन किया है, जो आसंजक बल (एडहेसिव फोर्स) से उबरने के लिए जरूरी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि नैनोमोटर्स का कैंसर कोशिकाओं से बेहतर तरीके से चिपकते हुए दिखाई देने का कारण उनका आवेशित ईसीएम है।

कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की भूमिका को दर्शाता है यह घटनाक्रम

आइआइएसी में एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ शोधकर्ता अंबरीश घोष ने कहा है, 'यह घटनाक्रम कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की भूमिका को दर्शाता है। हमने पाया है कि आसंजक बल कोशिकाओं के प्रकार पर निर्भर करता है। इसके साथ ही, यह बल कोशिकाओं के परस्पर रूप से प्रभावित करने की क्षमता, और कोशिका के किस तरफ नैनोमोटर पहुंचे हैं, पर भी निर्भर करता है।

शोधकर्ताओं में आइआइएससी के सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड इंजीनियरिंग और आणविक प्रजनन, विकास एवं आनुवंशिकी विभाग के शोधकर्ता शामिल हैं। उनका यह अध्ययन जर्मन केमिकल सोसायटी की शोध पत्रिका एप्लाइड केमस्ट्री में प्रकाशित किया गया है।

chat bot
आपका साथी