मध्‍य प्रदेश में 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे स्‍कूल- कॉलेज, ऑनलाइन ही होगी पढ़ाई

उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज फिलहाल 31 दिसंबर तक बंद ही रहेंगे। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इन्हें खोलने का फैसला एक बार फिर टाल दिया है। हालांकि ऑनलाइन कक्षाएं और दूरदर्शन के जरिए दिए जाने वाले ऑनलाइन लेक्चर पहले की तरह संचालित होते रहेंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:20 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:20 PM (IST)
मध्‍य प्रदेश में 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे स्‍कूल- कॉलेज, ऑनलाइन ही होगी पढ़ाई
सरकारी और प्राइवेट कॉलेज फिलहाल 31 दिसंबर तक बंद ही रहेंगे।

 भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज फिलहाल 31 दिसंबर तक बंद ही रहेंगे। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इन्हें खोलने का फैसला एक बार फिर टाल दिया है। हालांकि ऑनलाइन कक्षाएं और दूरदर्शन के जरिए दिए जाने वाले ऑनलाइन लेक्चर पहले की तरह संचालित होते रहेंगे। 31 दिसंबर के पहले प्रदेश सरकार कोरोना के संक्रमण की समीक्षा करेगी। साथ ही इस बारे में प्रदेश सरकार की गाइडलाइन देखेगी, इसके बाद ही जनवरी में कॉलेज खोलने का निर्णय लिया जाएगा। 

दरअसल, यूजीसी की गाइडलाइन के बाद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने घोषणा कर दी थी कि प्रदेश में भौतिक तौर से कॉलेजों का संचालन एक दिसंबर से शुरू कर दिया जाएगा। मंत्री यादव की घोषणा के बाद कॉलेजों खोलने की तैयारियां भी शुरू कर दी थी। जहां एक तरफ उच्च शिक्षा विभाग नई व्यवस्थाओं की गाइडलाइन बनाने में जुट गया था, वहीं कॉलेज संचालकों ने भी बैठक की नई व्यवस्था बनानी शुरू कर दी थी।

हालांकि कोरोना का संक्रमण कम नहीं होने की वजह से विभाग ने तय किया है कि अभी ऑनलाइन कक्षाएं ही संचालित की जाएंगी। मंत्री यादव का कहना है कि छात्रों समेत महाविद्यालय और विश्‍वविद्यालय के स्टाफ का स्वास्थ सर्वोपरि है। फिलहाल, कोरोना का संक्रमण कम नहीं हुआ है। इस वजह से ऑनलाइन कक्षाएं ही संचालित की जाती रहेंगी।

अभी नहीं खुलेंगे प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल : शिक्षा मंत्री

शाजापुर। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने स्कूलों का संचालन शुरू करने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के स्कूल खोले जाने की स्थिति अभी नहीं है। हमारे लिए शिक्षा के साथ ही बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए विभिन्न माध्यमों से अध्यापन कराया जा रहा है। बच्चों की शैक्षणिक स्थिति और कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षा पद्धति में भी बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की स्थिति को देखते हुए ही आगामी निर्णय लिए जाएंगे।

मंत्री परमार ने कहा कि हाई स्कूल और हायर सेकंडरी कक्षा के छात्रों को जरूर पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए हमारा प्रयास है कि वे स्कूल आएं और शिक्षक भी उन्हें उपलब्ध रहें। संक्रमण से बचाव के गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए अध्यापन कराया जाए। 

स्‍कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का आदेश 

स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वसूली को लेकर भी मंत्री ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि शासन ने सभी कलेक्टर को दिशा निर्देश दिए हैं। उन्हें जो भी शिकायत मिलेगी, उस पर प्राथमिकता से कार्रवाई की जाएगी। फीस को लेकर कई मामले सामने आए हैं, किंतु कार्रवाई के लिए पालकों को आगे आना होगा। जिस भी पालक को इस संबंध में शिकायत है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से शिकायत करनी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते हैं। इसके अलावा वह कोई और शुल्क वसूलेंगे तो उन पर कार्रवाई होना तय है। बस जरूरत तथ्यों के साथ शिकायत की है।

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