सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- लोग मर रहे हैं... वेंदांता की इकाई ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अपने हाथ में क्यों नहीं लेती सरकार
देश में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। देश के कई राज्यों से ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मसले पर तमिलनाडु सरकार से तल्ख सवाल पूछ लिया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। देश के कई राज्यों से ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मसले पर तमिलनाडु सरकार से तल्ख सवाल पूछ लिया। देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे में जब ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं... तमिलनाडु सरकार साल 2018 से बंद पड़ी वेदांता की स्टरलाइट तांबा संयंत्र (Vedanta Sterlite copper unit) इकाई को अपने हाथ में लेकर प्राण वायु ऑक्सीजन का उत्पादन क्यों नहीं करती।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि हमारी दिलचस्पी वेदांता या किसी कंपनी के चलाने में नहीं है। हमारी दिलचस्पी ऑक्सीजन के उत्पादन में है। अदालत ने कहा कि ऐसे में जब ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं किसी न किसी को कुछ न कुछ तो कहना चाहिए। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता के स्टरलाइट संयंत्र को खोलने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की। मालूम हो कि वेदांता ने हजारों टन ऑक्सीजन के उत्पादन का दावा किया है।
तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने दलीलें दी। वैद्यनाथन ने कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि जिला कलेक्टर ने स्थानीय लोगों से इस मसले पर बात की है। इस प्लांट को लेकर लोगों में अविश्वास है। इस संयंत्र के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान 13 लोगों की मौत हो गई थी। इस पर अदालत ने कहा कि आपने कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला दिया। क्या आपने हलफनामा दाखिल किया है। अदालत के इस सवाल पर वैद्यनाथन ने कहा कि वह इसे दाखिल करेंगें।
वहीं प्रभावित परिवारों के संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्विज ने पैरवी की। गोन्साल्विज ने कहा कि राज्य सरकार ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए संयंत्र अपने हाथ में भी ले सकती है। यदि तमिलनाडु सरकार इस संयंत्र को अपने हाथ में लेकर ऑक्सीजन का उत्पादन करती है तो लोगों कोई दिक्कत नहीं है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस समय देश को ऑक्सीजन की अत्यधिक जरूरत है। यदि हमारे पास एक हजार टन उत्पादन की क्षमता है तो हमें इसका लाभ लेना चाहिए।