पेगासस की सूची में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के अफसरों के नंबर होने का दावा, नीरव मोदी के वकील का भी नाम

रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान का एक मोबाइल नंबर जो पूर्व में न्यायमूíत अरुण मिश्र के नाम पर पंजीकृत था 2019 में संभावित लक्ष्यों के डाटाबेस में जोड़ा गया था। न्यायमूर्ति मिश्र सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए और अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 07:28 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:28 AM (IST)
पेगासस की सूची में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के अफसरों के नंबर होने का दावा, नीरव मोदी के वकील का भी नाम
नीरव मोदी और अगस्ता वेस्टलैंड के बिचौलिए के वकीलों के भी नाम होने का दावा

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के दो अधिकारियों, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के वकील और अगस्ता वेस्टलैंड मामले के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के वकील के फोन नंबरों के साथ-साथ शीर्ष अदालत के अब सेवानिवृत्त न्यायाधीश के पुराने नंबर इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के संभावित लक्ष्यों की सूची में थे। एक समचार पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान का एक मोबाइल नंबर जो पूर्व में न्यायमूíत अरुण मिश्र के नाम पर पंजीकृत था, 2019 में संभावित लक्ष्यों के डाटाबेस में जोड़ा गया था। न्यायमूíत मिश्र सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए और अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष हैं।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इसके अलावा 2019 में किसी समय, उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के दो अधिकारियों के टेलीफोन नंबर गुप्त सूची में शामिल किए गए थे, जिसमें सैकड़ों नंबर शामिल थे। इनमें से कुछ पेगासस स्पाईवेयर के साथ लक्षित होने के स्पष्ट सबूत दिखते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों अधिकारियों ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के महत्वपूर्ण 'रिट' खंड में काम किया था, जब उनके नंबर डाटाबेस में जोड़े गए थे। एनएसओ के लीक हुए डाटाबेस की सूची में कई नेता, दो केंद्रीय मंत्रियों, कई उद्योगपतियों और कम से कम 40 पत्रकारों के फोन नंबर शामिल थे। हालांकि, यह स्थापित नहीं हुआ है कि सभी फोन हैक किए गए थे।                                                                             

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