तमिलनाडु के नौ नए जिलों में 15 सितंबर तक निकाय चुनाव कराने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग (टीएनएसईसी) के चार मौजूदा जिलों में से नौ नए जिलों में स्थानीय निकाय चुनाव 15 सितंबर तक कराने का निर्देश दिया। जस्टिस हेमंत गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की अवकाश कालीन पीठ का आदेश।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:52 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:52 AM (IST)
तमिलनाडु के नौ नए जिलों में 15 सितंबर तक निकाय चुनाव कराने का आदेश
तमिलनाडु के नौ नए जिलों में होंगे निकाय चुनाव।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु राज्य निर्वाचन आयोग (टीएनएसईसी) को चार मौजूदा जिलों में से बनाए गए नौ नए जिलों में 15 सितंबर तक स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाश कालीन पीठ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को 15 सितंबर तक स्थानीय निकायों के चुनाव कराने और परिणाम घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करनी होगी।

पीठ ने शीर्ष अदालत के 11 दिसंबर, 2019 के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि टीएनएसईसी ने दिए गए चार महीने के समय के बजाय 18 महीने का समय ले लिया। अगर अदालत के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो निर्वाचन आयोग अवमानना की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआइ) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा ने कहा कि राज्य में अब भी कोविड-19 संक्रमण के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। इन नौ जिलों में चुनाव कराने के लिए कुछ समय दिया जाए।

इस पर पीठ ने कहा कि कोविड-19 आजकल हर दूसरे मामले में बहाना बन गया है। पीठ ने कहा, 'बेहतर होगा कि आप 15 सितंबर तक चुनाव करा लें अन्यथा हम अनुपालन नहीं करने को लेकर अवमानना की कार्रवाई शुरू कर देंगे।'

केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासनके आदेश पर लगाई रोक

कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को लक्षद्वीप प्रशासन के डेयरी फार्मो को बंद करने और मध्याह्न भोजन से चिकन सहित अन्य मांस को हटाकर बच्चों के आहार में बदलाव के आदेश पर रोक लगा दी। यह स्थगन आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूìत शाजी पी की डिवीजन बेंच ने दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन द्वारा जवाबी हलफनामा दाखिल होने तक इन आदेशों पर अमल न किया जाए। याचिकाकर्ता अजमल अहमद ने आरोप लगाया है कि ऐसा द्वीप के निवासियों की खाने की आदतों को बदलने के लिए दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार, यह आदेश पशु संरक्षण ([विनियमन)], 2021 के क्रियान्वयन की एक प्रस्तावना है, जो मवेशियों के वध और गोमांस और गोमांस के उत्पादों की खपत पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित है।

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