कोरोना महामारी के बीच भिखारियों के टीकाकरण की याचिका, SC का केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस

शीर्ष अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर कोरोना महामारी के बीच भिखारियों के टीकाकरण और उनको भोजन उपलब्ध कराने के लिए याचिका में की गई प्रार्थना पर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:11 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:11 PM (IST)
कोरोना महामारी के बीच भिखारियों के टीकाकरण की याचिका, SC का केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस
कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले में मदद करने को कहा है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भिखारियों और सड़क पर रहने वाले लोगों के पुनर्वास और टीकाकरण की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले में मदद करने को कहते हुए शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह यह दृष्टिकोण नहीं अपनाएगा कि सड़कों पर किसी भी भिखारी को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि यह एक सामाजिक-आर्थिक समस्या है।

SC asks Solicitor General Tushar Mehta for assistance on plea seeking rehabilitation and vaccination of beggars amid COVID-19 pandemic— Press Trust of India (@PTI_News) July 27, 2021

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि शिक्षा और रोजगार के अभाव के कारण लोग आम तौर पर कुछ प्राथमिक आजीविका के लिए सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर होते हैं। पीठ ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के रूप में हम एक अभिजात्य दृष्टिकोण नहीं लेना चाहेंगे कि सड़कों पर कोई भिखारी नहीं होना चाहिए।'

शीर्ष अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर महामारी के बीच भिखारियों और सड़कों पर रहने वाले लोगों के पुनर्वास, उनके टीकाकरण और उन्हें आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने के लिए याचिका में की गई प्रार्थना पर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।

chat bot
आपका साथी