Sawan Somvar 2021: कल है महाकाल की पहली सवारी, मनमहेश रूप में दर्शन देंगे भगवान
पूजन पश्चात सवारी शाम 6.30 बजे पुन मंदिर पहुंचेगी। कोरोना गाइडलाइन के चलते सवारी में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी व्यक्ति को सवारी मार्ग पर आने की अनुमति नहीं रहेगी। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर समिति अपनी वेबसाइट फेसबुक पेज आदि पर सवारी का लाइव प्रसारण करेगी।
उज्जैन, जेएनएन। श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। महाकाल चांदी की पालकी में मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। शाम चार बजे महाकाल मंदिर से सवारी शुरू होगी। प्रशासन द्वारा निर्धारित नए छोटे मार्ग से निकलकर अवंतिकानाथ की पालकी मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के रामघाट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे।
पूजन पश्चात सवारी शाम 6.30 बजे पुन: मंदिर पहुंचेगी। कोरोना गाइडलाइन के चलते सवारी में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी व्यक्ति को सवारी मार्ग पर आने की अनुमति नहीं रहेगी। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर समिति अपनी वेबसाइट, फेसबुक पेज आदि पर सवारी का लाइव प्रसारण करेगी।
उधर, मंदिर प्रशासन ने श्रावण के पहले सोमवार पर दर्शन व्यवस्था में भी बदलाव किया है। दर्शनार्थियों को केवल अग्रिम बुकिंग के आधार पर सुबह छह से 11 तथा शाम सात से नौ बजे तक दर्शन कराए जाएंगे। सोमवार को 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट की सुविधा बंद रहेगी।
सोमवार का दिन होता है विशेष
बता दें कि अलग-अलग माह में अलग देवताओं की पूजा का विधान है। सावन माह महादेव की पूजा के लिए प्रशस्त किया गया है। भोलेनाथ को हरियाली और जल अतिप्रिय है। सावन में भक्त बाबा पर जलाभिषेक और पूजन कर मनवांछित फल की कामना करते हैं। भक्तों की श्रद्धा और भक्ति से महादेव अति प्रसन्न होते हैं और सबकी मुरादें पूरी होती हैं। सावन का प्रत्येक दिन बाबा के पूजन के लिए सोमवारी के समान ही फलदायी होता है। सोमवार को महादेव का दिन माना जाता है इसीलिए बाबा की पूजा के लिए इस दिन विशेष पूजा की जाती है।