समीर वानखेड़े ने खुद को दलित साबित करते हुए पेश किए जाति दस्तावेज, पहली शादी के डिवोर्स पेपर भी दिए

अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष रामनाथ ने कहा कि वानखेड़े ने आयोग की पूर्ण पीठ के समक्ष अपने सभी दस्तावेज पेश किए और पूरे मामले पर अपना रुख स्पष्ट किया। सूत्रों की मानें तो वानखेड़े ने अपनी पहली शादी के तलाक के कागजात जन्म प्रमाण पत्र भी जमा किए।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 03:21 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 03:21 PM (IST)
समीर वानखेड़े ने खुद को दलित साबित करते हुए पेश किए जाति दस्तावेज, पहली शादी के डिवोर्स पेपर भी दिए
समीर वानखेड़े ने खुद को दलित साबित करते हुए पेश किए जाति दस्तावेज, पहली शादी के डिवोर्स पेपर भी दिए

नई दिल्ली, एजेंसियां। जाली जाति दस्तावेजों के आरोपों के बीच, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने सोमवार को दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के समक्ष अपना जाति प्रमाण पत्र पेश किया। वह आज सुबह मुंबई से यहां पहुंचे और अपना जाति प्रमाण पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेज आयोग को सौंपे। इस मामले पर उन्होंने अपनी बात भी रखीं। अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष रामनाथ ने कहा कि वानखेड़े ने आयोग की पूर्ण पीठ के समक्ष अपने सभी दस्तावेज पेश किए और पूरे मामले पर अपना रुख स्पष्ट किया। सूत्रों की मानें तो वानखेड़े ने अपनी पहली शादी के तलाक के कागजात, जन्म प्रमाण पत्र भी जमा किए।

रामनाथ ने कहा, 'समीर वानखेड़े को सुनने के बाद आयोग उनके सभी दस्तावेजों की जांच करेगा और आदेश सुनाने से पहले उनके बयान पर विचार करेगा।' बता दें कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने 25 अक्टूबर को समीर वानखेड़े पर सरकारी नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था और मांग की थी कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ अपना कड़ा रुख अपनाते हए सोशल मीडिया पर उनका जन्म प्रमाण पत्र भी साझा किया, जिसमें उन्हें एक मुस्लिम के रूप में बताया गया और दावा किया कि उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी बनने के लिए अपने पिता के नाम को बदला, जो संघ लोक सेवा परीक्षा में बैठने वाले एक वास्तविक दलित उम्मीदवार के साथ अनुचित हुआ।

एनसीएससी के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने रविवार को मुंबई में वानखेड़े के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि समीर वानखेड़े ने उन्हें अपनी जाति से संबंधित जो कागजात दिखाए हैं, उन्हें देखकर तो लगता है कि वह अनुसूचित जाति के तहत आने वाले महार समाज से ही हैं। उनकी मां मुस्लिम थीं, जिनका देहांत हो चुका है। उनकी पहली शादी मुस्लिम से हुई थी, लेकिन उसका पंजीकरण स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुआ था, जिसमें अंतरधार्मिक विवाह मान्य है। उनकी दूसरी पत्नी हिंदू हैं, और उन्होंने अपने बेटे का नाम भी हिंदू ही रखा है। अरुण हालदार के अनुसार जाति प्रमाणपत्र पिता के रक्त संबंध से ही मिलता है। चूंकि उनके पिता महार समाज से हैं, इसलिए समीर को भी अनुसूचित जाति का ही प्रमाणपत्र मिला है।

अरुण हालदार ने कहा कि अनुसूचित जाति से आने वाले अधिकारी समीर वानखेड़े निडर होकर अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने शिकायत की है कि उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार से 10 दिन में जवाब देने को कहा है। हालांकि अभी 10 दिन पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन मेरे मुंबई आने पर समीर वानखेड़े ने खुद मुझसे मिलकर अपने सारे कागजात दिखाए हैं, और पूरे मामले की जानकारी भी दी है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े पर की जा रही टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर हालदार ने कहा कि फिलहाल मैं किसी पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन एक बात मैं जरूर कहूंगा कि यदि आयोग के सामने वानखेड़े का अनुसूचित जाति से होना सिद्ध हो गया तो जो व्यक्ति उन पर गलत दबाव डाल रहा है, उस पर अनुसूचित जाति आयोग की धारा 338 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उसे माफ नहीं किया जाएगा।

बता दें िक वानखेड़े की पत्नी और पिता ने रविवार को केंद्रीय सामाजिक, न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले से भी मुलाकात की और इस मुद्दे पर समर्थन मांगा। अठावले ने उन्हें अपनी पार्टी आरपीआई की ओर से आश्वासन दिया और कहा कि वह नवाब मलिक से वानखेड़े के खिलाफ साजिश करना बंद करने के लिए कहेंगे।

जानें, क्या है मामला

गौरतलब है कि राकांपा प्रवक्ता व महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक अभिनेता शाह रुख खान के पुत्र आर्यन खान की एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तारी के बाद से ही एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर धर्म परिवर्तन करने व आइआरएस की नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र देने का आरोप लगाते आ रहे हैं। मलिक ने वानखेड़े की नौकरी ले लेने एवं जेल भेजने की धमकी भी दी है। जबकि वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े अपने मूल गांव व पिछली दो पीढ़ियों का जाति विवरण पेश कर बता चुके हैं कि वह अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली महार जाति से ताल्लुक रखते हैं।

वहीं, नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि मेरी किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। मेरी लड़ाई सिर्फ उस फर्जीवाड़े के खिलाफ है, जो समीर वानखेडे की ओर से चलाया जा रहा है।

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